गोरखनाथ मंदिर में सजने लगे स्‍टाल और झूले, एक जनवरी से शुरू होगा खिचड़ी मेला

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गोरखपुर – गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले परंपरागत खिचड़ी मेले को लेकर मंदिर परिसर में हलचल दिखने लगी है। झूले लगने लगे हैं, स्टाल सजने लगे हैं। यूं तो मेले की औपचारिक शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होती है, लेकिन अनौपचारिक रूप से मेला एक जनवरी से ही शुरू हो जाता है। ट्रायल रन तो 25 दिसंबर से ही शुरू हो जाएगा।

मंदिर के मेला प्रबंधक शिवशंकर उपाध्याय ने बताया कि  मंदिर परिसर में मेला के लिए निर्धारित क्षेत्र में 90 फीसद स्थान दुकानदारों को आवंटित किया जा चुका है। आवंटी दुकानदारों के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। झूला लगाने में वक्त लगता है, ऐसे में इसे लगाने की प्रक्रिया जोरशोर से शुरू हो गई है। मेला प्रबंधन दुकानदारों को निर्धारित स्थान पर स्थापित करने में लगा हुआ है।

प्रबंधक के मुताबिक मेले में झूले को विशेष आकर्षण होता है, ऐसे में उन्हें स्थान देने को प्राथमिकता दी गई है। अब तक टोरा-टोरा, ब्रेक डांस, ‘वाइंट व्हील, स्लंबो, ड्रेगेन, बड़ी नाव के झूले स्थापित किए जा चुके हैं। मोबाइल वाले कैमरे के प्रचलन के बावजूद मेले के स्टूडियो में फोटो खिंचाने का क्रेज अभी भी बना हुआ है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मेला परिसर में तीन फोटो स्टूडियो वालों ने अस्थाई स्टूडियो स्थापित करने के लिए डेरा डाल दिया है। प्रबंधक ने बताया कि मेले में उत्तर प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार आदि के दुकानदार दुकान लगाते हैं।

सर्कस भी होगा मेले का आकर्षण

इस बार गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेले में सर्कस का आनंद उठाने का मौका भी मिलेगा। परिसर में मारुति सर्कस की टीम ने डेरा डाल दिया है। सर्कस को स्थापित करने की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है। सर्कस टीम ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह से सर्कस को शुरू करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।

15 जनवरी को मनाई जाएगी खिचड़ी

गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी ने बताया कि इस बार 15 जनवरी को खिचड़ी मनाई जाएगी। खिचड़ी मेले का सिलसिला महाशिवरात्रि तक चलता है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी चढ़ाने की शुरुआत गोरक्षपीठाधीश्वर करते हैं। उसके बाद पड़ोसी देश नेपाल, पड़ोसी राज्य बिहार और समूचे उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालु कतारबद्ध होकर खिचड़ी चढ़ाते हैं।

 

 

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