कैल्शियम और विटामिन डी का मिश्रण मौत का बुलावा, कई गुना बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा

0
587

शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए लोग अक्सर विटामिन, मिनरल (खनिज पदार्थ) समेत कई अन्य तरह के सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं, लेकिन हाल ही में हुए कई अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि सप्लीमेंट हृदय के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक भी हैं। स्वास्थ्य पत्रिका ‘एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कैल्शियम और विटामिन डी का संयोजन (मिश्रण) स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा सकता है।

इस अध्ययन के लेखक और वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर सफियू खान ने कहा कि हालांकि, अब तक विटामिन डी और कैल्शियम को अलग-अलग लेने से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने का कोई भी सबूत नहीं है। हो सकता है हृदय संबंधी रोग किसी अन्य कारणों की वजह से भी हो रहे हों, लेकिन हमारा विश्लेषण यह बताता है सप्लीमेंट और हृदय रोगों के बीच कुछ न कुछ संबंध जरूर है। उन्होंने कहा कि सप्लीमेंट हृदय रोगों के जोखिम कम करने के बजाय और बढ़ा देते हैं, जिससे लोगों की मौत तक हो जाती है।

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने दुनिया भर से 992,129 प्रतिभागियों का डाटा एकत्र कर उसका विश्लेषण किया, जिसमें उन्होंने पाया कि कम नमक वाला भोजन, ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट, फॉलिक एसिड सप्लीमेंट कुछ लोगों के लिए लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन बाकी अन्य सप्लीमेंट शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन के इरिन मिकोस ने कहा कि लोगों को अपने शरीर के लिए पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन और सप्लीमेंट लेने की बजाय अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए। यदि वह अपने आहार में स्वस्थ भोजन लेंगे तो निश्चित तौर पर उन्हें सप्लीमेंट लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि अध्ययन के दौरान पता चला कि सप्लीमेंट लेने वालों में युवा वर्ग की संख्या सर्वाधिक है, जो कि चिंता का विषय भी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोगों की जीवनशैली काफी बदल गई है, जिसके कारण लोग संतुलित आहार नहीं ले पाते और बीमार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए कई बार लोग सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं, लेकिन यह शरीर के लिए बेहद घातक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जितना हो सके इनके प्रयोग से बचना चाहिए।

कैल्सियम के साथ विटामिन डी लेना हो सकता है खतरनाक
करीब दस लाख लोगों पर किए शोध से जुटाए गए डाटा के विश्लेषण में सामने आया कि विटामिन डी के साथ कैल्सियम लेने से हृदय पर विपरीत असर पड़ सकता है। इससे शरीर में रक्त का थक्का जमने की क्रिया सामान्य से अधिक बढ़ जाती है और धमनियां भी कठोर हो जाती हैं। ऐसे में व्यक्ति के स्ट्रोक से ग्रसित होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा विटामिन ए, बी, सी, डी, ई या एंटीऑक्सीडेंट और आयरन लेने से भी हृदय के स्वास्थ्य पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

कई तरह की डाइट भी बेअसर
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने और हृदयरोग के खतरे से बचने के लिए कम वसायुक्त भोजन (डाइट) का सुझाव दिया जाता है। लेकिन डॉ खान और उनकी टीम को कम वसायुक्त भोजन से हृदय के स्वस्थ होने का कोई प्रमाण नहीं मिला। इससे पहले भी कई विशेषज्ञ हृदय को स्वस्थ रखने के लिए लो-फैट डाइट की भूमिका नकार चुके हैं। हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे से जूझ रहे लोगों को मक्खन, मीट, चीज आदि से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

कुछ सप्लीमेंट फायदेमंद भी
शोधकर्ताओं के अनुसार फोलिक एसिड और मछलियों में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड का सप्लीमेंट हृदय के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। फोलिक एसिड से जहां स्ट्रोक का खतरा कम होता है वहीं ओमेगा-3 हृदय की कई बीमारियों से बचने में सहायक है। इसके अलावा कम नमक युक्त आहार भी हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here