लखनऊ। राजधानी में बाल दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह ने लखनऊ पुलिस लाइन में बच्चो को सम्मानित किया। लखनऊ में ऐसा ये पहली बार हुआ जब प्रदेश के डीजीपी ने बच्चो के साथ बाल दिवस की खुशियाँ बाटी है। इस मौके पर डीजीपी ओपी सिंह ने स्कूली बच्चो को सम्बोधित करते हुए कहा बाल-दिवस का मूल मंत्र प्यार और स्नेह है।
उत्तर प्रदेश के तकरीबन सभी जनपद ऐसे है जहा पर बच्चो को 14 नवम्बर यानि बाल दिवस के बारे में जानकारी ही नहीं है। आज भी ऐसे तमाम बच्चे है जिनका बचपन ही फुटपाथ पर भीख मांगते या फिर दो वक्त की रोटी जुटाने में बीत जाता है। लखनऊ भी इससे अछूता नहीं है। प्रदेश की राजधानी होने के बाद भी यहाँ पर ऐसे बच्चो की काफी तादाद है जिन्हे बुनियादी शिक्षा ही नसीब नहीं हो पाती है। हालांकि लखनऊ के पुलिस लाइन में बाल दिवस के मौके पर जिस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था वह सब पुलिस के ही बच्चे थे। इन्ही बच्चो के बीच प्रदेश के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने बाल-दिवस की खुशिया बाटी और उनको सभी बच्चो से प्यार और स्नेह करने की सीख भी दी। डीजीपी ने कहा कई बच्चो को आज भी स्कूल के बैग की जगह गन्दगी उठानी पड़ रही है। डीजीपी ने बच्चो को सीख दी कि शिक्षा से वंचित बच्चो को अपना ज्ञान बांटे।
डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा बाल दिवस के बहाने बच्चो को कुछ अच्छा करने का संकल्प दिलाया गया है। उन्होंने कहा हर बच्चा यूनिफार्म में स्कूल जाये ऐसा दिन लाना है। डीजीपी ओपी सिंह ने बच्चो को अपनी और समाज की सफाई का ध्यान रखने की भी सीख दी। इस बीच पुलिस महकमे के सबसे बड़े अधिकारी को पहली बार पुलिस लाइन में अपने बीच देख कर पुलिस परिवार के बच्चे भी बेहत उत्साहित थे। कार्यक्रम में डीजीपी ओपी सिंह के साथ ही एडीजी जोन लखनऊ राजीव कृष्णा, आईजी रेंज लखनऊ सुजीत पाण्डेय और एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी के साथ ही तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद थे।