सीएमपी प्राचार्य डॉ. आनंद श्रीवास्तव के कार्य करने पर रोक

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इलाहाबाद (कैनविज टाइम्स ब्यूरो ) – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीएमपी डिग्री कॉलेज इलाहाबाद के प्राचार्य डॉ.आनंद कुमार श्रीवास्तव को पद का कार्य करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और इनका 65 साल की आयु में सेवानिवृत्त के बाद 7० साल की आयु तक पांच सालों के लिए कार्यकाल बढ़ाये जाने के आदेशों को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति इफाकत अली खां की खण्डपीठ ने डा.प्रदीप कुमार वर्मा व डा.संतोष कुमार खरे की याचिकाओ को स्वीकार करते हुए दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता शैलेन्द्र ने बहस की। कोर्ट ने कहा है कि विपक्षी प्राचार्य की अगले पांच साल के लिए की गयी पुननिर्युक्ति अवैध एवं कानून के विपरीत है। कोर्ट ने कालेज के कार्यकारिणी परिषद के 1० अक्टूबर 17 के प्रस्ताव इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद के 28 अक्ूबर 17 के निर्णय, 8 नवम्बर 17 को जारी नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया है और तत्काल प्रभाव से प्राचार्य को पद का कार्य करने से प्रतिबंधित कर दिया है। कोर्ट ने इन आदेशों का कड़ाई से पालन करने का भी निर्देश दिया है। याचिका में प्राचार्य के सेवानिवृत्ति होने के बाद कार्यकाल बढ़ाये जाने की वैधता को चुनौती दी गयी थी।

डॉ.संतोष कुमार खरे की याचिका में प्राचार्य की पद कार्य करने की अधिकारिता को चुनौती देते हुए अधिकार पृच्छा याचिका (कोबारण्टो) जारी करने की मांग गी गयी थी। इनका कहना था कि वह कॉलेज में वरिष्ठतम अध्यापक है, इसलिए विपक्षी प्राचार्य को हटाकर उन्हें कार्यवाहक प्राचार्य का कार्यभार सौंपा जाए। इस याचिका में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 7 नवम्बर 17 एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के आदेशों को रद्द किये जाने की मांग की गयी थी। कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को स्वीकार करते हुए विपक्षी प्राचार्य को तत्काल पद का कार्य करने से रोक दिया है।

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