लोहिया हॉस्पिटल में डॉ.नही सुन रहे ग़रीब मरीज़ की फरियाद।- कैनविज टाइम्स

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कैनविज टाइम्स

लखनऊ (वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी) कहते है कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं लेकिन यही डॉक्टर कभी-कभी अपने फर्ज को भूल जाते हैं और केवल अपनी जेब भरने में लगे रहते हैं। इतना ही सरकारी अस्पतालों का हाल दिन बे दिन खराब होता जा रहा हैं। यहां पर बैठने वाले डॉक्टर अपने फर्ज से दगा करने में माहिर नजर आ रहे हैं। गरीबों के लिए यही सरकारी अस्पताल वरदान होता है लेकिन यहां पर कार्यरत डॉक्टर और उनकी टीम यहां की सुविधाओं में पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला तब देखने को मिला जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का लोहिया संस्थान में इलाज के लिए एक मजबूर बाप अपने बेटे की जान बचाने के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इससे बेखबर नजर आ रहा है।
दरअसल जिला फैज़ाबाद से लखनऊ लोहिया संस्थान
अपने बेटे के इलाज के लिए आये विश्राम यादव ने बताया की वह कई दिन से लोहिया संस्थान के चक्कर काट रहा है लेकिन अस्पताल प्रशासन उसके इलाज में आना-कानी कर रहा है, वह भी तब जब उसके यहां मुख्यमंत्री सहायता राशि के तहत डेढ़ लाख रुपए जमा करा दिये गए है। आलम तो यह है कि 15 दिनों से पिता संस्थान में दौड़ रहा लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले 15 दिनों से फैजाबाद से आया यह परिवार अपने बेटे की जिंदगी को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन लोहिया संस्थान के लापरवाह डॉक्टर सुध नहीं ले रहे हैं।
वही पीड़ित पिता का आरोप है कि वह अस्पताल कई बार गया लेकिन वहां कोई डॉक्टर इलाज करने को तैयार नहीं है। परिवार के पास अब इतने पैसे भी नहीं बचे हैं कि वह आगे कुछ कर सके, जबकि पीड़ित पिता द्वारा बताया गया की जिस डॉक्टर ने ऑपरेशन के इलाज के पैसे का एस्टीमेट बनाया था अब वही डॉक्टर ऑपरेशन करने से मना कर रहा है और इसका जवाब भी नहीं दे रहा है कि ऑपरेशन क्यों नहीं करेंगे जबकि मुख्यमंत्री द्वारा पीड़ित बच्चे के ऑपरेशन के लिए डेढ़ लाख रूपय पहले ही लोहिया संस्थान को दे दिए गए हैं,

 

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