इलाहाबाद (कैनविज टाइम्स ब्यूरो) – फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी टीचरी हथियाने में महिलाएं भी पीछे नहीं है। पिछले डेढ़ साल में जिन शिक्षकों की सेवा विभिन्न कारणों से उनमें 4० ऐसे हैं जिनके दस्तावेज फर्जी थे। इनमें कई शिक्षिकाएं भी हैं जिन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। 15 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित पुष्पलता ने बरकतुल्ला विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश का फर्जी अंकपत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी।
16448 सहायक अध्यापक भर्ती में नौकरी पाने वाली कीर्ति मिश्रा का भी बरकतुल्ला विश्वविद्यालय का अंकपत्र फर्जी था। 15 हजार शिक्षक भर्ती में चयनित करछना की दो शिक्षिकाओं अंजू शुक्ला और रचना सिह ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाणपत्र लगाए थे। कौड़िहार द्बितीय की सरिता शुक्ला ने भी 15 हजार भर्ती में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फर्जी दस्तावेज लगाए थे।
सोरांव की शिक्षिका सीमा यादव, सैदाबाद की मंजू यादव और प्रतापपुर में तैनाती पाने वाली संगीता सिह ने आगरा विवि की फर्जी बीएड की डिग्री लगाकर नौकरी हासिल की थी। अराधना सोनी व चारु गुप्ता ने भी फर्जी दस्तावेज लगाए थे। इन संस्थानों ने प्रमाणपत्र फर्जी होने की रिपोर्ट भेजी तो शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया।