चारबाग एसएस होटल में ठहरी प्रेमिका की हत्या कर प्रेमी फ़रार – कैनविज टाइम्स
लखनऊ। ( वहाब उद्दीन सिद्दीक़ी ) राजधानी के चारबाग स्थित एसएस होटल में उस समय हड़कंप मच गया जब होटल के कमरा नंबर 110 में युवती की लाश मिली। जिसकी सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पहुँची जहां घटना स्थल से पुलिस को एक नोट मिला है। जिसमे प्रेमी डॉक्टर ने प्रेमिका नर्स को चरित्रहीन बता कर उसकी हत्या करने का ज़िक्र किया था और खुद आत्महत्या करने की बात कही थी। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है और परिजनों को सूचित कर आरोपी डॉक्टर की तलाश में जुट गई है।
लखनऊ के नाका थानाक्षेत्र के चारबाग स्थित एसएस होटल के कमरा नंबर 110 में 26 जनवरी की शाम को एक युवक व युक्ति आ कर ठहरे थे जो कि मूल रूप से गाँधी नगर महोबा निवासी राजेश कुमार त्रिपाठी पुत्र रामफल त्रिपाठी व सुबखर पुर अम्बेडकर नगर निवासी समता पुत्री सत्यदेव थे तथा यह अम्बेडकर नगर में आयुष विभाग में तैनात थे। बुधवार की रात तक जब किसी प्रकार की आहट नही मिली तो होटल कर्मियों ने जाँच पड़ताल की तो कमरे का दरवाजा बन्द मिला तथा अंदर जाने पर समता नाम की नर्स की लाश बाथरूम में मिली जिसकी दुबट्टे से गला घोंट कर हत्या की गई थी। होटल के कर्मचारियों ने तुरन्त ही पुलिस को इसकी सूचना दी जब स्थानीय पुलिस मौके पर पहुँची तो पुलिस को होटल के कमरे से एक नोट मिला इस नोट में अम्बेडकर नगर में ही आयुष विभाग में तैनात डॉक्टर राजेश कुमार त्रिपाठी का कबूल नामा था जिसमे आरोपी डॉक्टर ने नर्स की गाला घोटकर हत्या करने की बात कबूली थी।
उस कबूलनामे में डॉक्टर ने नर्स की हत्या की वजह उसका चरित्र हीन होना बताया था उसमे लिखा था मैं समता को बहुत प्यार करता था लेकिन उसने मुझे धोखा दिया कई बार मना करने पर भी वो नही मानी साथ ही डॉक्टर ने कबूलनामे में खुद भी आत्महत्या की बात लिखी थी। पुलिस ने मौके पर मौजूद लाश को कब्जे में लेने के बाद परिजनों को सूचना दे दी और आरोपी डॉक्टर की तलाश में पुलिस टीम जुट गई है। होटल के रिसेप्शन पर से एक cctv भी मिली है जिसमे डॉक्टर को घटना को अन्जाम देकर फोन पर बात करते हुए जाते हुए दिखाई दे रहा है बताया जा रहा है कि समता ने राजेश कुमार त्रिपाठी के साथ मिल कर अपने लिए खूब शॉपिंग भी की थी। शुरुआत में दोनों में खूब मेलजोल दिखा किन्तु 28 जनवरी से समता बहुत कम ही बाहर निकली खाना खाते समय भी दोनों में कई बार नोकझोंक हुई थी।