केजीएमयू में अम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर श्रदांजलि अर्पित की गई- कैनविज टाइम्स
रिपोर्टर: वहाब उद्दीन सिद्दीकी
लखनऊ। राजधानी के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 128वीं जयन्ती के मौके पर केजीएमयू के सेल्बी हॉल में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को श्रदांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र छात्राओं ने बाबा साहब की जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला तथा कविताओं व रचनाओं के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
वहीं इस मौके पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने बाबा साहब अम्बेडकर को हर वर्ग का नेता बताया तथा उनके जीवन से प्रेणना लेने का अनुरोध करते हुए कहा की बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक चिकित्सक को एक गाँव गोद लेकर वहां के प्रत्येक बीमार को उपचार की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ के डालीगंज स्थित बाल्मीकि नगर में प्रत्येक माह केजीएमयू के चिकित्सकों की ओर से एक चिकित्सा शिविर आयोजित कर वहां के निवासियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने की अपील की। एमएलबी भट्ट ने कहा की शिक्षा और स्वास्थ्य ही ऐसा स्तम्भ है जिस पर किसी भी देश का विकास निर्भर है और निचले वर्ग को भी समानता का अधिकार प्राप्त है और यह अधिकार वह केवल शिक्षा व स्वास्थ्य के माध्यम से ही प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा सचिव उत्तर प्रदेश मुकेश मेश्राम ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा की जिस प्रकार से प्राचीन काल मे भगवान गौतम बुद्ध एंव महावीर स्वामी ने समाज को जगाने का काम किया उसी प्रकार से आधुनिक काल में महामानव के रूप में अवतरित होते हुए बाबा साहब ने समाज के लोगो को उनके मूल अधिकारों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना सिखाया।
इसके साथ ही उन्होंने युवा पीढ़ी को खूब पढ़े खूब बढ़े और बाबा साहब के सपने को पूरा करने की अपील की। पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश रामेश्वर दयाल ने बाबा साहब के जीवन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा बाबा साहब ऐसा व्यक्तित्व जिनका आभा मण्डल उनकी मृत्यु के बाद से लगातार बढ़ रहा है। इस अवसर पर पैथालॉजी विभाग के डॉ. सुरेश बाबू ने कहा की बाबा साहब ने शिक्षा व ज्ञान के माध्यम से ही अपने मूल अधिकारों को प्राप्त करने की शक्ति अर्जित की थी और महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले वह देश के प्रथम व्यक्ति थे। उन्होंने बताया कि बाबा साहब का मानना था कि किसी समाज को अगर सशक्त करना है तो उस समाज की महिलाओं को सशक्त करना आवश्यक है। इस अवसर पर डीन स्टूडेंट्स वेल्फेयर डॉ. जी.पी सिंह, डीन रिसर्च सेल डॉ. आर.के.गर्ग, विभागाध्यक्ष पीडियाट्रिक्स सर्जरी विभाग डॉ. एस.एन.कुरील, क्वीन मैरी अस्पताल की अधिक्षक डॉ. एस.पी. जैसवार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एस.एन. शंखवार, एंव रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. संतोष कुमार ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये।