केजीएमयू ने लीवर प्रत्यारोपण कर रचा इतिहास- कैनविज टाइम्स
लखनऊ। ( वहाब उद्दीन सिद्दीकी ) राजधानी के केजीएमयू ने पहला लिवर प्रत्यारोपण कर इतिहास रचा है। यह प्रत्यारोपण केजीएमयू
और मैक्स हॉस्पिटल साकेत नई दिल्ली के संयुक्त प्रयास से सम्पन हुआ।
पीड़ित मरीज कोनिक लीवर रोग से ग्रसित था जिसको उसकी पत्नी ने अपना लीवर दिया था। लिवर प्रत्यारोपण एक जटिल शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें लगभग 14 घंटे से भी अधिक समय लगता है और यह भारत के कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही किया जाता है। लिवर प्रत्यारोपण केजीएमयू के सर्जिकल गेस्ट्रोलॉजी विभाग के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है यह प्रत्यारोपण केजीएमयू में भारत की अन्य संस्थानों की तुलना में बहुत ही कम खर्चे में किया गया।
सूत्रों के अनुसार केजीएमयू में लीवर प्रत्यारोपण का खर्चा लगभग 7 से 8 लाख आने का अनुमान है जो अन्य किसी भी कारपोरेट अस्पताल की तुलना में बहुत ही कम है। यह उल्लेखनीय कार्य प्रोफेसर एमएलबी भट्ट कुलपति केजीएमयू के सहयोग एवं संरक्षण में संपन्न हुआ। प्रत्यारोपण सर्जरी सुबह लगभग 5:00 बजे शुरू हुई और देर शाम तक संपन्न हुई। इस जटिल शल्य चिकित्सीय प्रक्रिया में
प्रो. अभिजीत चंद्रा, डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ प्रदीप जोशी, डॉ मोहम्मद परवेज़, डॉ. अनिता मलिक. डॉ. तमन्य तिवारी, डॉ एहसन, डॉ. नीरा कोहली, डॉ अनिल परिहार, डॉ. रोहित, डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. राजेश, डॉ. शालीन अग्रवाल ने महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग दिया। ऑपरेशन के बाद लीवर दाता एवं लीवर प्राप्त करने वाला मरीज दोनों स्थिर है।