टॉयलेट पेपर सर्च करने पर पाकिस्तान का झंडा आने के लिए हम जिम्मेदार नहीं

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Toilet Paper Pakistan
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मंगलवार को गूगल ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि उसके सर्च इंजन पर ‘बेस्ट टॉयलेट पेपर इन द वर्ल्ड’ सर्च करने पर पाकिस्तानी झंडे दिख रहे थे। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, “इस मामले पर जांच फिलहाल जारी है, लेकिन अभी तक इस तरह के प्रमाण नहीं मिले है, जिसमें गूगल पर टॉयलेट पेपर की जगह पाकिस्तानी झंडे की तस्वीर दिख रही हो। मीडिया रिपोर्ट्स और कई लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट्स के जरिए ये बात सामने आई थी कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद गूगल पर टॉयलेट पेपर लिखते ही पाकिस्तान का झंडा दिखाई दे रहा था।

रैंकिंग के आधार पर सर्च होती है फोटो –

  1. कई लोगों ने सर्च रिजल्ट के स्क्रीन शॉट्स सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड कर दिए थे। इन सोशल मीडिया साइट्स में ट्वीटर, इंस्टाग्राम और फोसबुक शामिल हैं। ट्विटर पर इसे लेकर #besttoiletpaperintheworld काफी ट्रेंड कर रहा था।

  2. गूगल के प्रवक्ता ने कहा, “जब से ये खबर वायरल हुई है तब से ही उन सभी इमेजेस की रैंकिग की जांच की जा रही हैं। दरअसल गूगल सर्च का रिजल्ट अरबों की-वर्ड्स की रैंकिंग के आधार पर आता है। ये रैंकिंग रिलिवेंस और पॉपुलैरिटी जैसे 200 कारणों पर तय होती है।”

गूगल के कर्मचारियों के लिए ऐसी छेड़-छाड़ संभव नहीं

  1. ये पहली बार नहीं है, जब गूगल सर्च रिजल्ट में इस तरह की चीजें उभर के सामने आ रहीं हैं। इससे पहले, “फेकू”, “पप्पू” और “इडियट” जैसे शब्दों को सर्च करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की फोटोज सर्च होती थीं। वहीं भिखारी शब्द सर्च करने पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की इमेज सर्च होती थी।

  2. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की फोटो इडियट सर्च करने पर आ रही थी, तब अमेरिकी सीनेटर ने इस पर गूगल सीईओ सुंदर पिचाई से जवाब मांगा था। तब पिचाई ने साफ किया था कि गूगल सर्च रिजल्ट से छेड़छाड़ करना खुद गूगल या गूगल के कर्मचारी के लिए संभव नहीं है। उन्होंने बताया था कि सर्च रिजल्ट एल्गोरिदम से दिए जाते हैं, न कि गूगल कर्मचारियों से।

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