तेज़ी से उभरते सितारे राजेश्वर पान्डेय को किया गया सम्मानित।

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तेज़ी से उभरते सितारे राजेश्वर पान्डेय को किया गया सम्मानित।

लखनऊ। कहते है की कठोर अनुशासन, कड़ी मेहनत और सच्ची लगन हो तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो व्यक्ति को सफलता से रोक सके। कुछ ऐसी ही कहानी है बड़े-बड़े सपने देखने वाले और उन सपनों को हर हाल में पूरा करने वाले जिद्दी निर्देशक राजेश्वर पान्डेय राज की जिनको अपने हुनर के चलते कई सम्मान से नवाज़ा गया।हाल ही हुए अवध सम्मान समारोह 2018 में कला जगत के विभूतियों को सम्मानित किया गया। जिसमें फिल्म के उत्कृष्ठ निर्देशन अवार्ड से राजेश्वर पान्डेय राज को सम्मान दिया गया।

हमारे संवाददाता से हुए वार्ता में राज पांडेय ने बताया वो मुख्य रुप से वीडियो/फिल्म एडीटर हैं। उन्होने अपने कैरियर की शुरुआत प्रकाश मेहरा प्रोडक्शन से की। जहाँ तुम बिन जाऊँ कहाँ, सिन्दूर और सी आई डी सीरियल की एडीटिंग सम्भाली।

फिर भन्डारकर प्रोडक्शन में फिल्म पेज 3 और ट्रैफिक सिग्नल के दौरान कार्य किया। राज यही ही नही रुके अपनी मन्ज़िल को पाने के लिए वो फिल्मों की दुनियां में अपने किये हुए कामो से सब को पीछे छोड़ते चले गए। वर्तमान समय में बतौर चेयरमैन व निर्देशक, प्रोडक्शन हाउस इमेज आर्ट क्रिएशन्स के बैनर तले लगभग 75 सरकारी/गैरसरकारी डॉक्यूमेन्टरी फिल्में और 45 से अधिक म्यूजिक वीडियो कर चुके हैं। एक सांई भजन “शिरडी की धरती” जिसको रोटोमेक पेन ने स्पॉन्सर किया था, काफी चर्चा मे रहा। फिर एक हिन्दी फीचर फिल्म “सुराग” जो काफी चर्चा मे रही, राज की पहली फिल्म थी। राज ने बताया कि एक अन्य फिल्म की कहानी पर काम कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश फिल्म प्रभाग व सिनेमा एसोसिएशन से जुड़कर राज पान्डेय चाहते हैं कि ऐसी फिल्मों का विस्तार किया जाए जिसमें कलाकार से लेकर तकनीकि और प्रोडक्शन से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक सब उत्तर प्रदेश से ही हों। गोमती नदी पर बहुचर्चित लघु फिल्म “चले गोमती पथ पर”“बैंक हमारे घर आया”, जिनको सम्बन्धित विभागों से खूब सराहना मिली।
नाबार्ड से वार्षिक पुरस्कार से सम्मानित लघु फिल्म “पहला कदम” राज ने यूनियन बैंक आफ इंडिया के साथ बनाई थी।
लखनऊ के एक नामी फिल्म इन्स्टीट्यूट में फिल्माया गया म्यूजिक वीडियो “इश्क सिरफिरा” राजेश्वर पान्डेय राज का बहुचर्चित वीडियो है। युवाओं के बीच में राजेश्वर पान्डेय राज के निर्देशन का बहुत प्रभाव देखा जा रहा है, ये उनके साथ काम कर चुके कलाकारों से जानने को मिला।
राज ने बताया कि मल्टीप्लैक्स कल्चर में अब स्टारडम की बजाय कन्टेन्ट और बेबाक विषय की फिल्में प्रभावी हैं। और वो कुछ हटकर कहानियों की तरफ ध्यान लगा रहे हैं।

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