ब्रिटिश समाचार इंडस्ट्री रेगुलेटर चाहता है कि फेसबुक और गूगल पर लगे जर्नलिज्म टैक्स

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ब्रिटेन। गूगल, फेसबुक सहित अन्य साइट्स, जो अपने प्लेटफॉर्म पर समाचार सामग्री होस्ट करती हैं, उन पर ब्रिटेन में सालाना पत्रकारिता कर (जर्नलिज्म टैक्स) लगाए जाने की मांग की जा रही है। ब्रिटिश समाचार पत्र उद्योग की ट्रेड बॉडी- ‘न्यूज मीडिया एसोसिएशन’ का यह रुख है, जो अधिकांश ब्रिटिश मीडिया का प्रतिनिधित्व करता है।

गार्जियन ने मंगलवार को बताया कि ऑर्गेनाइजेशन ने ब्रिटेन सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखा है क्योंकि ब्रिटिश अखबार उद्योग 6.8 बिलियन पाउंड से सिमटकर 3.6 बिलियन पाउंड पर पहुंच गया है। राजस्व में यह कमी साल 2007 से साल 2017 के बीच हुई है।

संगठन ने कहा कि आज चिंता का प्राथमिक कारण विज्ञापन से होने वाले राजस्व का नुकसान है, जो पहले गुणवत्ता वाले राष्ट्रीय और स्थानीय पत्रकारिता को बनाए रखता था। अब वैश्विक सर्ज इंजन और सोशल मीडिया कंपनियां मूल सामग्री तैयार करने में कोई पैसा नहीं खर्च करती हैं, लेकिन वे बड़े पैमाने पर इससे लाभान्वित हो रही हैं।

गूगल और फेसबुक के प्लेटफॉर्म समाचारों का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। साल 2017 की प्यू रिपोर्ट के अनुसार, दो तिहाई अमेरिकी सोशल मीडिया पर समाचार हासिल करते हैं। रॉयटर्स इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोध से पता चला कि साल 2018 में यूके में 39 फीसद लोगों के लिए समाचार स्रोत सोशल मीडिया ही था। साल 2014 में स्पेन में भी इसी तरह का एक प्रस्ताव रखा गया था। मगर, वहां बात नहीं बनी और गूगल ने उस देश में अपनी समाचार सेवा बंद कर दी।

 

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