बिना इजाजत फोन कॉल रिकॉर्ड करना गुनाह, देवबंद का फतवा

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद से एक नया फतवा जारी किया गया है। इस फतवे में कॉल रिकॉर्ड करने को गुनाह करार दिया गया है। फतवा जारी होने के बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दारुल उलूम के फतवा विभाग से यह जारी किया गया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक फतवे में कहा गया है कि बिना इजाजत किसी की कॉल रिकॉर्ड करना गुनाह है। ऐसी खबरें हैं कि फतवे के जारी होने की जानकारी पाकर कई लोगों ने अपने मोबाइल फोन से कॉल रिकॉर्डिंग की सुविधा ही खत्म कर दी है। फतवे के संबंध में कुछ लोगों ने उलमा-ए-कराम से इसकी पुष्टि की। फतवे के लेकर मुफ्ती-ए-कराम से सवाल किया गया है कि कॉल रिकॉर्डिंग करना आम बात है और कई मोबाइल फोन्स में तो इसकी ऑटो रिकॉर्डिंग की सुविधा होती है। मुफ्ति-ए-कराम ने सवाल के जवाब में कहा है कि इस्लाम में दो लोगों की आपसी बातचीत अमानत की तरह होती है। उसे रिकॉर्ड कर किसी को सुनाना और मजाक बनाना अमानत में खयानत की तरह है।

बता दें कि पिछले दिनों दारुल उलूम ने फतवा जारी किया था कि बिना कारण सोशल मीडिया पर समय बिताना नाजायज है। वहीं, एक और दारुल उलूम ने शादी समारोह में पुरुषों और औरतों के सामूहिक तौर पर भोजन करने को हराम करार दिया है। फतवा विभाग ने शादियों में खड़े होकर खाना खाने को भी नाजायज करार दिया है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक शादियों में भोजन की सामूहिक व्यवस्था पर और खड़े होकर खाना खाने को लेकर दारुल उलूम के फतवा विभाग से सवाल पूछे गए थे। जवाब में खंडपीठ ने शादियों में एक साथ पुरुषों और औरतों के खाना खाने को हराम बताया। फतवा विभाग ने मुसलमानों से कहा कि वे ऐसा करने से बचे। शादी में खड़े होकर खाना खाने को लेकर जवाब दिया गया कि इस प्रकार भोजन करना इस्लामी तहजीब का हिस्सा नहीं है, इसलिए ऐसा करना नाजायज है।

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