काबुल : अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार सुबह हुई गोलाबारी में तीन लोगों की मौत हो गई है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का दावा है कि एयरपोर्ट पर अभी भी फायरिंग हो रही है। एयरपोर्ट में टर्मिनल बिल्डिंग के पास मारे गए लोगों के शव पड़े है। एयरपोर्ट पर अधिक भीड़ होने के बाद ही यहां पर विमानों के संचालन पर रोक लगा दी गई थी।
अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा हो चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं। लेकिन यहां फंसे आम लोगों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार को भगदड़ जैसे हालात दिखे। काबुल से बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं। तालिबान की ओर से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही तालिबानी लीडरशिप काबुल में आ सकती है, उसी के बाद नई सरकार बनाने का सिलसिला शुरू होगा।
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत की कोशिशें तेज हैं। लेकिन इस बीच बुरी खबर ये है कि काबुल और दिल्ली के बीच की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। बता दें कि भारत की ओर से एयर इंडिया की कुछ फ्लाइट्स को रिजर्व किया गया था, ताकि भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला जा सके। नई दिल्ली में कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई में एक अहम बैठक भी हो रही है। इसमें विदेश मंत्रालय, सिविल एविएशन मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद हैं। अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के लिए मंथन हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने एअर इंडिया से दो विमान रिजर्व पर रखने को कहा है, ताकि काबुल से लोगों को निकाला जा सके।
अफगानिस्तान के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सभी कमर्शियल फ्लाइट को सस्पेंड कर दिया गया है। लोगों से एयरपोर्ट पर भीड़ ना लगाने की अपील की जा रही है। ये तब हुआ है जब सोमवार सुबह से ही एयरपोर्ट पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी और लोग किसी भी तरह फ्लाइट पकड़ना चाह रहे थे।
काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना द्वारा भी हवाई फायरिंग की गई है, यहां इकट्ठी रही भीड़ को काबू में करने के लिए अमेरिकी सेना ने ऐसा किया है। बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर करीब 6 हजार से ज्यादा अमेरिकी जवान मौजूद हैं, जिनका मकसद अमेरिकी लोगों को बाहर निकालना है।