चिड़ियाघर को कुकरैल पिकनिक स्पॉट में किया जाएगा स्थानांतरित :- मंत्री जयवीर सिंह  

धीरेन्द्र मिश्रा/ कैनविज टाइम्स

लखनऊ। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री उत्तर प्रदेश चैप्टर ने पर्यटन और संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से यूपी होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन और रेडिको खेतान लिमिटेड के साथ बुधवार को एक बहुत ही सार्थक और इंटरैक्टिव फुल डे कॉन्क्लेव का आयोजन किया। उद्घाटन सत्र में कैबिनेट मंत्री पर्यटन और संस्कृति जयवीर सिंह, आईएएस प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति मुकेश मेश्राम और डीजी पर्यटन उत्तर प्रदेश सरकार रहे। मुख्य अतिथि जयवीर सिंह ने राज्य के पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के विकास की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन सामाजिक प्रगति के साथ साथ सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक संपर्क का विस्तार करने के लिए पूरे मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपकरण रहा है और यह अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन, बाजारों के विस्तार, व्यापक आधारित नौकरियों और आय उत्पादन को एक स्रोत और प्रभाव के रूप में प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य की विविध संस्कृति और विरासत के कारण, पर्यटन क्षेत्र कई वर्षों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है और सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बाद उत्तर प्रदेश में पर्यटक यातायात को भारी झटका लगा है। उन्होंने बताया कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को पिछले कुछ वर्षों के दौरान महामारी में अधिक गंभीर रूप से आघात का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि अब वर्ष 2022 में जब महामारी में भारी गिरावट देखी जा रही है, इस क्षेत्र में न केवल तेजी से पुनर्जीवित किया गया है, बल्कि राज्य में जुलाई 2019 से इस वर्ष 76 प्रतिशत अधिक पर्यटक प्रवाह भी देखा गया है, यह सब सामूहिक प्रयासों के कारण हुआ है।

सरकार और निजी हितधारक इस उद्योग को ऊपर उठाने के लिए उत्तरोत्तर काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश भारत की तीसरी सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच कठिन परिस्थिति के बावजूद सुशासन के कारण पिछले पांच वर्षों में राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में राज्य का जीएसडीपी 12.47 लाख करोड़ रुपये था और वर्तमान में यह 17.48 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, जिसके परिणामस्वरूप 40 प्रतिशत अभूतपूर्व उछाल आया है। उन्होने कहा कि वर्ष 2023 में जारी होने वाली आगामी पर्यटन नीति में वर्ष 2018 में घोषित पूर्व पर्यटन नीति की व्यावहारिक खामियों को दूर कर पर्यटन की दृष्टि से और आकर्षक बनाया जायेगा। इसके साथ ही प्रत्येक होटल व सेवा क्षेत्र, उद्योग जगत की लाइसेंस प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति के माध्यम से होटल, रेस्टोरेंट, यात्रा और सेवा क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल कर उत्तर प्रदेश को अगले पांच वर्षों में पर्यटन की दृष्टि से सबसे पसंदीदा गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा। बिजनौर से बलिया तक गंगा नदी के किनारे 05 किमी के दायरे में जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजना पर काम किया जा रहा है, कुकरैल में नाइट सफारी की स्थापना के साथ साथ चिड़ियाघर को यहां से कुकरैल पिकनिक स्पॉट में स्थानांतरित किया जाएगा, गोमती के तट पर सेना से युद्धपोत की सेवानिवृत्ति के लिए एक संग्रहालय बनाया जाएगा। जिसमें सभी हथियार युद्धपोत का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कल ही गठित ईको टूरिज्म बोर्ड की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे और बोर्ड में 10 विभागों के मंत्री सदस्य होंगे और मुख्य सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। सरकार इसके लिए प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों को भी शामिल करेगी। उन्होंने पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के हितधारकों से आगामी पर्यटन नीति 2023 में शामिल करने के लिए यथासंभव अधिक से अधिक सुझाव प्रस्तुत करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उन पर उचित ध्यान और विचार किया जाएगा। सत्र का संचालन राजन सहगल, सह अध्यक्ष, पर्यटन और आतिथ्य समिति, पीएचडीसीसीआई और पुनीत चौधरी सचिव पीएचडीसीसीआई द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। अतुल श्रीवास्तव रेजिडेंट डायरेक्टर पीएचडीसीसीआई, यूपी चैप्टर ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया और सत्र को सुखद ढंग से समाप्त किया। कॉन्क्लेव में पर्यटन और आतिथ्य उद्योग, सरकार, शिक्षाविदों और जीवन के अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्होंने विभिन्न औद्योगिक पहलुओं पर विचार विमर्श करके सत्र में भाग लिया।

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