राम राज्य में शराबियों को सम्मान… अधिकारी मौन..

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शहर में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मंदिर के बगल चल रही है देसी शराब की दुकानें, दुकान खुलवाने में भी नही किया जाता है नियमों का पालन, धार्मिक स्थलों के बगल में ही खुलवा दिया देशी शराब की दुकान…
गोंडा। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गैर कानूनी तरीके से काम करने वाले ठेकेदारों के घरों पर बुलडोजर चलाने का काम करते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके अधिकारी प्रदेश में नए नए कारनामें दिखाते रहते हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण गोंडा जिले के मुख्य शहर में बड़गांव, स्टेशन जाने वाले मेन रोड पर (पूरे घोसी) दुर्गा माता का भव्य मंदिर है,मंदिर के बगल ही आबकारी अधिकारी के मिली भगत से देशी शराब की दुकान आवंटन कर दिया गया, आपको बतादें की मंदिर हो या मस्जिद जैसे धार्मिक स्थल, स्कूल हो या आवासीय इलाका इनके 50 मीटर के दायरे पर शराब की दुकान नहीं खोली जा सकती। इसके बावजूद आबकारी विभाग ने सारे नियमों की धज्जियां उड़ा कर देशी शराब की दुकान आवंटन कर दी। गली-मोहल्लों से लेकर धार्मिक स्थलों के आस पास तक शराब की दुकानें खोल दी गईं हैं, दुकान खोलने से पहले आसपास के लोगों से सलाह-मशविरा तक नहीं किया गया। जबकि बिना नोटिस और लोगों की सहमति के शराब की दुकान नहीं खोली जा सकती है।लेकिन अधिकारियों ने गोंडा जिले में मुख्यमंत्री के नियम की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी, मुनाफे के खातिर आबकारी विभाग ने प्रदेश सरकार के नियमों का गला घोंट दिया। खास बात यह है कि आबकारी विभाग भी निजी स्वार्थ के नसे में चूर है, उन्हें यह भी नहीं दिखा की मेन रोड पर माता जी का पौराणिक मंदिर है, जहां पर सुबह होते ही मंदिर के बगल से ही सराबियो की लाइन लग जाती है, शराब के ठेकेदारों ने दुकान खोलने की इच्छा जताई बस तुरंत आंख मूंद कर दुकान खोलने का लाइसेंस दे दिया जाता है, देसी हो या अंग्रेजी चाहे बीयर की दुकान, नियम कानून, दिशा-निर्देश पर कोई बात नहीं होती है बस तुरंत दुकान आवंटन कर दिया जाता है,  गौरतलब है कि शराब की दुकान खुलने से पूर्व आबकारी निरीक्षक से रिपोर्ट मांगी जाती है, जिसमें इस बात का जिक्र किया जाता है कि दुकान के समीप कुछ नहीं है। लेकिन यहां तो आबकारी विभाग ने मंदिर के बगल ही अपने स्वार्थ के चक्कर में 20 मीटर से भी कम पर ही देशी शराब की दुकान को खोलवा दिया, सूत्रों के अनुसार अधिकांश दुकानों की जांच में निरीक्षक व उनके सलाहकार फोन पर ही सेटिंग कर लेते हैं और ठेकेदारों के पक्ष में रिपोर्ट लगा देते हैं, आंख मूंद कर दुकान के समीप धार्मिक स्थल व स्कूल-कॉलेज न होने की रिपोर्ट भी दे देते हैं। जिसके आधार पर आबकारी विभाग द्वारा लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। विभाग द्वारा मामला जानने के बाद भी संबंधित निरीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। यही वजह है कि निरीक्षकों के हौसले बुलंद रहते हैं। सूत्रों के अनुसार कई बार भौतिक सत्यापन के लिए आबकारी विभाग नहीं पहुंचता है, ठेकेदार से मोबाइल पर बात कर रिपोर्ट भेज दी जाती है, गोंडा-बलरामपुर स्टेशन रोड पूरे घोसी दुर्गा माता मंदिर मंदिर के समीप अंग्रेजी शराब की दुकानें खुली हुई है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को भी है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होती है, और यही वजह है कि मंदिर के समीप सुबह से ही धड़ल्ले से शराब की बिक्री चालू हो जाती है, लेकिन जिम्मेदारों को ना तो किसी के आस्था की चिंता है और न ही प्रदेश सरकार की, जबकि आए दिन आंकड़ों के द्वारा शराब पीकर संबंधित क्षेत्र में अश्लील बातें व हरकत की जाती है, ऐसे में अब देखना यह है कि जिला के आला अधिकारी ऐसी शराब के दुकानों पर कोई कार्रवाई करेंगे या फिर नगर के शिकायत कर्ता कोर्ट का सहारा लेंगे।

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