रायबरेली : कोरोना की जंग में घुला जमात का जहर, 33 और मिले पॉजिटिव

0
451
  • क्वारंटाइन पूर्ण होने पर घर जाने की तैयारी में थे पॉजिटिव मरीज, रिपोर्ट ने उड़ा दी नींद
  • स्वस्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर, 67 सैपलों में 12 में निकली कमी, पीजीआई ने दोबारा मांगे सैपल
  • क्वारंटाइन सेंटर की विजिट करने वाले अफसरों के भी फूलने लगे हाथ-पैर
  • दिखी जिला प्रशासन की उदासीनता, तथ्यों को छिपाने में जुटे रहे अफसर
    रायबरेली। जिला प्रशासन की लापरवाही ने एक बार फिर रायबरेली के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। बिना किसी ठोस कार्ययोजना के कोरोना से हवा-हवाई जंग में जुटे जिला प्रशासन की नाकामी 33 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से सामने आ गई है। सबसे बड़ी बात की यह सभी कोरोना के मरीज पूर्व में जमात से जुड़े दो मरीजों के सपर्की हैं। इन सभी मरीजों को मुंशीगंज के कृपालु इंस्टीट्ïयूट में क्वारंटाइन किया गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 33 मरीजों को रोहनिया में बनाये गये लवल-1 कोविड हॉस्पिटल के ऑइसोलेशन वार्ड में शिट कर दिया गया है। इसके बाद इस इंस्टीटï्ïयूट में बचे शेष मरीज दहशत में हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पॉजिटिव पाये गये मरीजों के क्वारंटाइन की अवधि पूर्ण होने वाली थी, यदि जिला प्रशासन इस रिपोर्ट को छिपाने में थोड़ा सा और प्रयास करता तो पूरा जनपद कोरोना के मुंह में चला जाता। हालांकि इसके बाद जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये हैं। अपनी नाकामी छिपाने के लिए कोई भी अधिकारी मीडिया से मुखातिब होने को तैयार नहीं है। कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब यदि सही समय पर जिला प्रशासन ने नहीं दिए तो जनपद को कोरोना के कहर से कोई नहीं बचा सकेगा।
    गौरतलब है कि रायबरेली में करीब दस दिन पहले तब्लीगी जमात से जुड़े दो मरीज कोरोना पॉजीटिव पाये गये थे। यह सभी सहारनपुर जनपद के रहने वाले थे। इन्हें लखनऊ रिफर कर दिया गया था। इसके बाद इनके सपर्क में आने वाले लोगों की खोज हुई और सबको कृपालु इंस्टीट्ïयूट में बने क्वारंटाइन सेन्टर लाया गया। यहां मरीजों का सैपल भेजा गया। पहली रिपोर्ट निगेटिव आयी और प्रशासन ने राहत की सांस ली। किन्तु प्रशासन यह भूल गया कि यह सभी लोग जमातियों के सपर्क में आ चुके थे। इसलिए यदि इन्हें कोरोना होता है तो पूरे सेन्टर में क्वारंटाइन किये गये अन्य लोगों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। इन लोगों के क्वारंटाइन की अवधि पूर्ण होने वाली थी कि सुबह-सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हुई दूसरी जांच रिपोर्ट ने जिला प्रशासन के होश उड़ा दिये। पूरा जनपद एक साथ 33 पॉजीटिव मरीज मिलने से दहशत में है। सोशल मीडिया में वायरल रिपोर्ट के बाद खुद की पीठ बचा रहे अधिकारियों ने जैसे-तैसे बे मन से रिपोर्ट की पुष्टि की। खुलकर फिर भी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ। कोरोना से जंग लड़ रही रायबरेली में जमात का जहर घुलने के बाद यह लड़ाई और मुश्किल हो गई है। पुलिस के अनुसार इनमें से 31 जमाती हैं और बाकी दो स्थानीय हैं जिन्हें क्वारंटाइन किया गया था। जिला प्रशासन की तरफ से सूचना विभाग ने केवल 33 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव होने की सूचना भेजकर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। जबकि जिस क्वारंटाइन सेंटर में इतनी भारी संया में मरीज पॉजिटिव मिले हैं। वहां जनपद के बड़े अधिकारियों ने भी विजिट किया है। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। जिले के सीएमओ डा. संजय कुमार शर्मा ने तैनाती के बाद से केवल निरीक्षण के नाम पर मातहतों को अर्दब में लेने की कोशिश की है। कोरोना जैसी महामारी को लेकर वह पूरी तरह से उदासीन हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्धों की सैंपलिंग में भारी लापरवाही की है। पीजीआई से आई 67 लोगों की रिपोर्ट में 33 कोरोना पॉजिटिव और 22 निगेटिव पाए गए, जबकि 12 लोगों का सैपल दोबारा मांगा गया है। इनमें पांच सैपल लीक्ड थे तथा सात अन्य सैपलों में भी कमी थी। डीएम ने फोन नहीं उठाया जबकि सीएमओ डा. संजय कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें कोरोना पर कोई भी बयान देने से मना किया गया है। इसलिए मजबूर हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here