नई दिल्ली: भारत में नया वेज कोड चर्चा में है। पहले इसे 1 अप्रैल से लागू किया जाना था, लेकिन राज्य सरकारों की तरफ से ड्राफ्ट रूल्स नहीं मिलने के कारण ये नियम लागू नहीं किया गया। हालांकि अब इसके अक्टूबर में लागू होने के कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अक्टूबर तक सभी राज्य भी अपने ड्राफ्ट रूल्स तैयार कर लेगी। आपको बता दें कि इस नए नियम के तहत कर्मचारियों की छुट्टियां, सैलरी और काम करने के घंटे को लेकर काफी सारे बदलाव किए जाएंगे।
बढ़ेंगे काम के घंटे और वीकली ऑफ
नए वेज कोड कर्मचारियों के काम के घंटे 9 से बढ़कर 12 हो जाएंगे। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार, हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा। कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाया था। सरकार ने कहा कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी। अगर कोई दिन में 12 घंटे काम करता है तो बाकी 3 दिन उसे कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी।
नए वेज कोड में बहुत कुछ है खास
नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा। कर्मचारियों की सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे। आइये जानते हैं नए वेज कोड के कुछ प्रावधान जिनके लागू होने के बाद आपकी जिंदगी में काफी बदलाव आएगा।
सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव
नए वेज कोड के तहत कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव किए जाएंगे। टेक हाम सैलरी में कमी की जा सकती है क्योंकि वेज कोड एक्ट, 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं।
साल की छुट्टियों में बढ़ोतरी
कर्मचारियों की अर्जित अवकाश यानी छुट्टियां 240 से बढ़कर 300 हो सकती है। लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी, जिसमें कर्मचारियों की अर्नड लीव्स 240 से बढ़ाकर 300 किये जाने की मांग की गई थी।
वर्कर्स के लिए मिनिमम वेज लागू होगा
पहली बार देश के सभी तरह के वर्कर्स को मिनिमम वेज यानी न्यूनतम सैलरी मिलेगी। प्रवासी मजदूरों के लिए नई स्कीम्स लाई जा रही हैं। इसके अलावा सभी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रॉविडेंट फंड की सुविधा दी जाएगी। संगठित और असगंठित क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को ईएसआई का कवरेज भी मिलेगा। इसके तहत महिलाओं को सभी तरह के कारोबारों में काम करने की इजाजत होगी, उन्हें नाइट शिफ्ट करने की भी मंजूरी मिलेगी।