यूपी में बढ़ता जा रहा जीका वायरस का मामला, बढ़ते संक्रमण के प्रति रहें सतर्क

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लखनऊ: कानपुर में जीका वायरस के 10 रोगियों की पुष्टि ने शासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के आगे नई चुनौती पेश कर दी है। इनमें से नौ मरीज तो शनिवार और रविवार को ही लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) से आई जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं।

बता दें कि प्रदेश में 23 अक्टूबर को जीका संक्रमण का पहला प्रकरण चकेरी एयर फोर्स स्टेशन में तैनात एक वायु सेना कर्मी के रूप में मिला था। इसके बाद उसके दो और सहकर्मी इससे संक्रमित पाए गए। लगातार मरीज मिलते जाने से जहां सनसनी बढ़ रही है, वहीं चिंता की लकीरें भी गहरा रही हैं।

हालांकि जीका का संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक मिले मरीजों के तीन किलोमीटर आसपास सर्विलांस बढ़ा दिया है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर उन लोगों की जांच कर रही हैं, जिनमें बुखार, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने अथवा शरीर में चकत्ते पड़ने जैसे लक्षण दिख रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों के एक लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग में नए रोगियों की जानकारी सामने आई है। इनमें से कुछ मरीजों में संक्रमण के कई दिन बाद लक्षण उभरे थे।

कोरोना वायरस के कोहराम को दो-दो बार झेल चुके लोगों के आगे किसी नए वायरस का आ धमकना स्वाभाविक ही डर पैदा करता है लेकिन, यह जानना बेहद जरूरी है कि जीका वायरस का संक्रमण जानलेवा नहीं है। कई बार तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की भी जरूरत नहीं होती। यही नहीं, कानपुर के अलावा प्रदेश में कहीं और अभी तक इसका संक्रमण भी नहीं मिला है। इस आधार पर चिकित्सा विशेषज्ञों का यही मानना है कि कहीं बाहर से ही इसका संक्रमण प्रदेश में आया है। इसी कारण मरीजों की यात्रा संबंधी जानकारी लेकर संक्रमण की चेन का पता लगाने की कोशिश भी लगातार की जा रही है।

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