कोलकाताः कोरोना वायरस महामारी का असर लगभग पूरी दुनिया में देखा जा चुका है। हर जगह इस वायरस ने जमकर तबाही मचाई। जहां एक तरफ लोग संक्रमित हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हर रोज अब भी लोगों की जान जा रही है। वहीं, भारत में इस वायरस की दूसरी लहर ने तो हर किसी को हैरान कर दिया। इधर देशभर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर पहले ही विशेषज्ञ चेतावनी जारी कर चुके हैं। ऐसे में लोगों को अपने बचाव के लिए कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच कोरोना से ठीक हुए मरीजों में अब फेफड़ों के बाद ये वायरस लिवर पर अटैक करने लगा है, जिसके ताजा मामले देश की राजधानी दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में सामने आए हैं। ऐसे में ये मामले हर किसी को हैरान कर रहे हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
क्या है मामला?
दरअसल, दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में कोरोना से ठीक हुई कुछ ऐसे मरीज सामने आए हैं, जिनके अब लिवर में फोड़े होने और पस भरने के असामान्य मामले देखे गए हैं। अस्पताल के अनुसार, पिछले दो महीनों में कोरोना को मात देने के बाद 14 मरीजों में असामान्य रूप से पस से भरे हुए लिवर के फोड़े के मामले सामने आए हैं।
इन मरीजों की उम्र 28 से 74 साल के बीच की है। इनमें चार महिलाएं और 10 पुरुष हैं। इन्हीं में से 8 मरीजों को कोविड-19 लक्षणों के क्लीनिकल मैनेजमेंट के लिए स्टेरॉयड दिया गया था। वहीं, 6 मरीजों में लिवर के दोनों तरफ कई बड़े फोडे़ थे और इन 6 में से 5 में बड़े फोड़े यानी लगभग 8 सेंटीमीटर के थे और इनमें सबसे बड़ा फोड़ा 19 सेंटीमीटर का था।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
जिन लोगो के लिवर में पस और फोड़े देखे गए हैं, उनमें कुछ लक्षण देखे गए हैं, अगर आपको भी ये लक्षण दिखते हैं तो आपको इन्हें भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना है और अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना है।
-सभी मरीजों को बुखार था
-पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द था
-तीन मरीजों में काले रंग के मल के साथ रक्तस्त्राव था।
लिवर में फोड़े होने का कारण क्या है?
दरअसल, जिन देशों में खराब हाईजीन है, वहां पर एंटअमीबा हिस्टोलिटिका नाम का बैक्टीरिया पनपता है और ये ही अमीबियासिस का कारण बनता है। ये आंतों का संक्रमण है जिसे अमीबिक पेचिश भी कहा जाता है। वहीं, संक्रमण हो जाता है, तो इसके बाद पारस्टिक ब्लड फ्लो यानी परजीवी रक्त प्रवाह के द्वारा आंतों से लिवर तक पहुंच सकता है और यही लिवर के फोड़े का कारण बनता है। वैसे तो आमतौर पर ये फोड़े ज्यादा बड़े नहीं होते हैं, और अकेले होते हैं। लेकिन इतने बड़े आकार में लिवर में कोरोना के कारण कई फोड़े होना असामान्य और चिंता का विषय है।