चित्रकूट में पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया

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चित्रकूट: उत्तर प्रदेश में एसटीएफ को अपराध के खिलाफ जारी जंग में एक और कामयाबी मिली है। चित्रकूट में एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लंबे समय से फरार चल रहे खूंखार डकैत गौरी यादव को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया है।

बता दें, यूपी में उस पर 5 लाख रुपए का इनाम था और मध्य प्रदेश सरकार ने उस पर अलग से 50,000 रुपए का इनाम घोषित किया था। पिछले 6 महीनों से उसकी तलाश चल रही थी। बीते शुक्रवार की रात उसका चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत माड़ो बांध के समीप जंगल में एसटीएफ की टीम से सामना हो गया। इस दौरान कई राउंड फायरिंग हुई। फायरिंग में गोली लगने से डकैत गौरी की मौत हो गई।

दरअसल, कुख्यात डकैत गौरी यादव ने बुंदेलखंड के जंगलों में पिछले 20 साल से दहशत का राज कायम किया था और उसके खिलाफ 60 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज थे। इसके बाद से ही वह ददुआ और ठोकिया की कैटागिरी का डकैत हो गया था। ऐसे में एसटीएफ ने गौरी यादव के उत्तर प्रदेश में छिपे होने की सूचना पर तलाश शुरू की थी। इसके बाद एसटीएफ की टीम की डकैत गौरी यादव गैंग से शनिवार सुबह साढ़े 3 से 4 बजे के बीच मुठभेड़ हुई।बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधव बांध के पास यह मुठभेड़ हुई। वहीं, एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक डकैत गोरी यादव के पास से एक AK- 47 राइफल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए है।
2005 में बनाया था अलग गैंग

बता दें कि साल 2001 से गौरी डकैती सीख रहा था। ऐसे में कुख्यात डकैत गौरी ने साल 2005 में अपना अलग गैंग बनाकर वारदात को अंजाम देना शुरू किया। ददुआ व ठोकिया की मौत के बाद साल 2009 में बांदा पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया। लेकिन, बीते 2 साल बाद ही वह जमानत पर बाहर आ गया था। ऐसे में पुलिस के मुताबिक, डकैत गौरी यादव का गैंग काफी कमजोर हो गया था। उसके गैंग में ज्यादा सदस्य नहीं बचे थे। गैंग में लगभग 6 या 7 सदस्य ही बचे थे। बारिश बंद होने का पुलिस इंतजार कर रही थी। पहले ही पुलिस ने दावा किया था कि बारिश के मौसम के बाद इसे ढेर कर दिया जाएगा।

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