जयपुर: राजस्थान विधानसभा में अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक पारित हो चुका है। जिसके बाद से विवादों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। बीजेपी का कहना है कि इस विधेयक के बाद बाल विवाह वैध हो जाएंगे। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी मुद्दे को तोड़ मरोड़कर सामने ला रही है।
विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर और बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी ने संशोधन विधेयक को ‘काला कानून’ कहा है। अशोक लोहोटी ने कहा कि विधेयक बाल विवाह की अनुमति देता है। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए लेकिन ध्वनिमत विधेयक पारित कर दिया गया। मत विभाजन की मांग स्वीकार नहीं किए जाने पर भाजपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया और इसे ‘काला कानून’ करार दिया है।
सदन में राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रस्तावित कानून विवाह के पंजीकरण की अनुमति देता है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ऐसी शादियां अंततः वैध हो जाएंगी। मंत्री ने कहा कि यदि यह वास्तव में बाल विवाह है तो जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारी परिवारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे।
संशोधन विधेयक क्या कहता है?
संशोधन विधेयक के बयान और उद्देश्य में कहा गया है कि अगर जोड़े ने शादी की कानूनी उम्र पूरी नहीं की है तो माता-पिता या अभिभावक निर्धारित अवधि के भीतर एक आवेदन जमा करने के लिए जिम्मेदार होंगे।