जनसंख्या नियंत्रण: कानून लाने की तैयारी में केंद्र सरकार

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डिजिटल डेस्क : जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की नई नीति के चर्चा के बीच केंद्र सरकार इस पर कानून लाने की तैयारी में है। कानून बनाने से पहले भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर धीरे-धीरे एक-एक कदम आगे बढ़ा रहा है। एक तरफ भाजपा शासित राज्यों को इस पर नीतियों पेश करने को कहा गया है जिससे कि इस मुद्दे पर देश भर में एक माहौल बनाया जा सके। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण नीति पेश की है। असम सरकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा ने भी कहा है कि इस नीति पर जल्दी ही फैसला होगा। दूसरी तरफ राज्यसभा सांसदों के जरिए सदन में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करके एक ऐसा दांव चल रही है जिससे कानून बनाने की तरफ बढ़ा जा सके। बताया जा रहा है कि इसी सत्र में लोकसभा के आधा दर्जन सांसद भी इसी मुद्दे पर प्राइवेट मेंबर बिल ला सकते हैं।

राज्यसभा में पूर्ण बहुमत नहीं होने के कारण विपक्षी दलों से भी समर्थन जुटाने की कोशिश
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, हरनाथ सिंह यादव और अनिल अग्रवाल ने राज्यसभा में बिल पेश किया है। बताया जा रहा है कि जल्दी ही शुरु होने वाले मानसून सत्र में इस बिल पर चर्चा होगी। इसके लिए छह अगस्त का दिन तय किया गया है और इस पर वोटिंग भी कराई जा सकती है। जानकारों का कहना है कि चाहे कानून मंत्रालय या गृह मंत्रालय कोई बिल लाए या प्राइवेट मेंबर बिल इसमें कोई अंतर नहीं आता।

सूत्रों का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाना अब सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है। इसलिए, बेशक यह प्राइवेट मेंबर बिल है लेकिन सरकार की योजना इस विधयेक को राज्यसभा से पारित कराने की है और इसके लिए विपक्षी दलों से भी समर्थन जुटाने की कवायद चल रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की जनसंख्या नियंत्रण नीति को समर्थन देने के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के बयान को भी इसी संदर्भ में देख जा रहा है। किसी भी बिल का संसद के दोनों सदनों से पारित होना जरुरी है।

बिल में जनसंख्या नियंत्रण रखने के कई प्रावधान
इस बिल में जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए जाने की सिफारिश की गई है। प्रस्ताव के मुताबिक अगर कोई दंपती दो बच्चा पैदा करता है तो उसके लिए कोई अतिरिक्त छूट या लाभ नहीं दिया जाएगा। दो से ज्यादा बच्चा पैदा करने पर सरकारी नौकरी छीनने और मतदान करने, चुनाव लड़ने और राजनीतिक पार्टी बनाने के अधिकार को समाप्त करने की बात कही गई है। ड्राफ्ट में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। बिल में दो से अधिक बच्चा पैदा करने पर व्यक्ति के मूल अधिकार में कटौती की कोई बात नहीं कही गई है, लेकिन उसके पार्टी बनाने, चुनाव लड़ने या मतदान करने के कानूनी अधिकार को समाप्त करने की बात जरुर शामिल है।

 

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