शादी से पहले बनाया संबंध तो दी जायेगी 100 कोड़ों की सजा…

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नई दिल्ली : इंडोनेशिया में एक महिला के लिए शादी से पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ संबंध बनाना काफी दर्दनाक साबित हुआ। इस कपल को 100 बेतों की सजा सुनाई गई और इस दौरान महिला के हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि तमाम कोशिशों के बावजूद वो इस सजा को सह नहीं पाई और दर्द के मारे बेहोश होकर गिर गई।

इंडोनेशिया में अकेह प्रांत में मौजूद होक्स्योमावे शहर में ये घटना सामने आई है। इस कपल को पब्लिक के सामने सजा दी जा रही थी। बेंत के दर्द से शुरुआत में तो ये महिला तड़पती रही लेकिन धीरे-धीरे उसकी हिम्मत टूटती गई और इस सजा के दौरान एक समय ऐसा आया जब ये महिला झुकी और फिर बेहोश हो गई। 

एक न्यूज के मुताबिक, जिस शख्स ने इस कपल के लिए कमरा मुहैया कराया था, उसे 75 कोड़ों की सजा दी गई वही इसके अलावा शराब पीने वाले दो लोगों को भी इस मामले में 40-40 कोड़ों की सजा दी गई थी। इस मामले में इस्लामिक पुलिस चीफ जुल्किफिल का कहना था कि इस महिला को वहां से ले जाना पड़ा क्योंकि वो अपनी सजा के बाद खड़ी नहीं हो पा रही थी। 

बता दें कि इंडोनेशिया के आचे क्षेत्र में इस्लामिक शरिया कानून लागू किया गया है। ये इस देश में अकेला ऐसा क्षेत्र है जहां शरिया कानून माना जाता है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में 50 लाख लोग रहते हैं। इनमें से लगभग 98 प्रतिशत मुस्लिम हैं।

साल 2001 में इंडोनेशिया की सरकार ने इस क्षेत्र को स्वायतत्ता दी थी जिसके बाद यहां शरिया कानून को लगा दिया गया था। इस क्षेत्र में शराब पीने, शादी से पहले शारीरिक संबंध और समलैंगिक संबंध बनाने पर बेंत की दर्दनाक सजा दी जाती रही है।

मानवाधिकारों से जुड़े संगठन अक्सर इन अमानवीय सजाओं की आलोचना करते हैं लेकिन इंडोनेशिया के आचे में लोगों का इस कानून का पूरा समर्थन हासिल है और कई लोग इस दौरान पब्लिक में आरोपियों को मिली सजा को देखने पहुंचते हैं।

गौरतलब है कि कोरोना काल में भी लोगों को पब्लिक में कोड़े मारकर सजा देने का दौर जारी था। इसके चलते कई लोगों ने पब्लिक के सामने सजा देने के प्रावधान की निंदा भी की थी। इंडोनेशिया के इस हिस्से में अक्सर छोटे-मोटे अपराधों के लिए बेंत से ही सजा सुनाई जाती है। 

साल 2018 में इस क्षेत्र के प्रशासन ने लोगों में पब्लिक में बेंत मारने के कल्चर को खत्म करने की बात कही थी और ये भी कहा था कि अपराधियों को सजा पब्लिक के सामने नहीं बल्कि जेल की सलाखों के पीछे दी जाएगी। हालांकि इसके बावजूद पब्लिकली बेंत से सजा देने की घटनाओं में वृद्धि ही देखने को मिली है।

 

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