लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा का मुद्दा अभी थमा नहीं है। एक ओर इस मामले में जहां न्यायिक जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक कदम आगे बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बड़े मामले की जांच इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज को सौंप दी है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जांच के लिए रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नियुक्त किया है। इस जांच के लिए सरकार ने एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग बनाकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ जांच पूरी करने करने के लिए दो महीने का समय निर्धारित किया गया है।
बता दे कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान नेताओं से वार्ता के बाद मृतकों के परिवार को 45-45 लाख रुपए की आर्थिक सहायता,पीड़ित परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी तथा मामले की जांच इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड से कराने पर सहमति जताई थी। इसी क्रम में गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को अब लखीमपुर खीरी मामले की जांच सौंपी गई है। लखीमपुर खीरी में उनकी जांच टीम का मुख्यालय होगा। इस समिति को अपनी जांच रिपोर्ट दो महीने में सरकार को सौंपनी होगी।
लखनऊ रेंज की आइजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि सरकार ने एक न्यायिक जांच आयोग गठित किया है जिसका नेतृत्व हाई कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव कर रहे हैं। यह आयोग मामले की जांच करेगी और चार्जशीट कार्ट में दाखिल करेगी।