शिवपाल यादव का समान नागरिक संहिता वाला राग क्या इशारा कर रहा

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आने के बाद से ही अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल यादव ने क्या अब जंग का आगाज कर दिया है? दरअसल, इस बात में इसलिए भी दम दिखता नजर आ रहा है, क्योंकि शिवपाल यादव ने शुक्रवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय/ प्रादेशिक प्रकोष्ठों के कार्यकारिणी अध्यक्ष समेत संपूर्ण प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भांग कर दिया है.

क्या बीजेपी की लाइन पर चल रहे शिवपाल?

पिछले काफी समय से देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सुर में अब शिवपाल यादव भी सुर मिलाते दिख रहे हैं. दरअसल, गुरुवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता लागू करने का राग छेड़कर शिवपाल ने सबको चौंका दिया था. इसे देशभर में लागू करने के लिए शिवपाल ने अपने तर्क भी दिए.

उन्होंने कहा,

“बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया दोनों ने समाजवाद की खुली पैरवी की थी और संविधान सभा में समान नागरिक संहिता की वकालत भी की थी. राम मनोहर लोहिया ने तो 1967 के चुनाव में इसे मुद्दा भी बनाया था.”

शिवपाल यादव

इस मामले पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता दीपक मिश्रा ने कहा है कि जल्द ही समान नागरिक संहिता को लागू करने की मांग को लेकर शिवपाल यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. उन्होंने आगे कहा कि इसी मुद्दे को लेकर शिवपाल यादव लालकृष्ण आडवाणी और शांता कुमार सिंह से भी मुलाकात कर सकते हैं.

शिवपाल ने बीजेपी को दिए संकेत?

हाल के दिनों में शिवपाल यादव ने अपनी तरफ से बीजेपी की ओर कई संकेत भेजे हैं. मसलन दिल्ली से लौटते ही सीधे 5 कालिदास मार्ग में योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करना, मुलायम सिंह यादव से अपने राजनीतिक भविष्य की चर्चा करना, पहली बार ट्वीट कर रामलला के बारे में लिखना और परिवार के आदर्श याद दिलाने जैसे संकेत उनकी तरफ से आ चुके हैं. इस दिशा में शिवपाल यादव यह भी कह चुके हैं कि वह यह नहीं कह सकते बीजेपी में जाएंगे या नहीं.

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