ट्रेनों के सुचारू संचालन न होने से आज भी जनजीवन अस्तव्यस्त
रिपोर्ट- अर्पित सिंह
सीतापुर का मजदूर वर्ग आज भी आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है एक तरफ जहां कोरोना बीमारी से प्रत्येक व्यक्ति की कमर टूट गई वहीं दूसरी तरफ ट्रेनों के सुचारू संचालन न होने से दैनिक रोजमर्रा के कार्य करने हेतु सीतापुर से लखनऊ जाने वाली मध्यमवर्गीय व्यवसाई अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा बस से सफर करने में गवा देता है जिस से मध्यम वर्गीय व्यवसाई दैनिक मजदूर आज भी अपनी आर्थिक स्थिति से सम्भल नही पा रहे है 1 मई 2016 से ठप हुआ सीतापुर लखनऊ ट्रेन मार्ग आज फरवरी 2021 तक सुचारू रूप से नही चालू हो पाया। आज लगभग पाँच वर्ष बीत गए है। बीच मे कुछ दिन ट्रेन चली जो कि सिर्फ एक खानापूर्ति रही। जबकि जरूरत सुबह एक पसिंजर ओर एक्सप्रेस ट्रेन की है जो लखनऊ को जाए उसी तरह साम को एक पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन लखनऊ से सीतापुर को आये। जिससे यहां से आने जाने वाले मजदूर वर्ग व व्यापारी व आम नागरिकों को सहूलियत प्राप्त हो सके परन्तु इसके पीछे सरकारी तंत्र की लापरवाही है। या सरकारी तंत्र निरंकुश हो गया है। की कोरोना काल जब खत्म हो गया सिनेमाहाल ,प्ले ग्राउंड,मॉल , रेलवे स्टेशन,होटल,रेस्टोरेंट,इत्यादि सभी कुछ जब खुल गया है। तब सीतापुर लखनऊ मार्ग पर अतिआवश्यक सवारियां ट्रेनो को ही बन्द रखने से कोरोना नही होगा । क्या इसी रूट पर पूरा कोरोना है बाकी सारे दूसरे रूट पर कोरोना है ही नही ।। कृपया जिम्मेदार अब इस पर ध्यान दे।
वही जब इस विषय पर जिम्मेदार अधिकारी से बात की गई तब पता चला की अभी सिर्फ सीतापुर से लखनऊ जाने वाली सिर्फ एक ट्रेन का संचालन हो रहा है