मोगाः ठेले पर आलू-प्याज या दूसरा सामान बेचते आपने कई बूढ़े लोगों को देखा होगा, लेकिन पंजाब के मोगा में रहने वाले हरबंस सिंह की उम्र जानेंगे तो हैरानी के साथ अफसोस भी होगा। हरबंस सिंह पूरे 100 साल के हैं। लेकिन इस उम्र में भी उनके नसीब में आराम नहीं है। दिन भर कड़ी धूप में घूम-घूमकर आलू-प्याज नहीं बेचेंगे तो उन दो छोटे बच्चों को कैसे पालेंगे जो उनके बेटे के इस दुनिया से जाने के बाद अब उन्हीं की सहारे जी रहे हैं। पोते-पोती को वक्त से खाना मिल जाए, उनकी पढ़ाई ना छूटे…बस इसलिए 100 साल का उनका दादा ठेला खींचता है, सब्जी बेचता है, जिसका बोझ कई बार 200 किलो तक हो जाता है।
हरबंस सिंह ये बताते हुए भावुक हो जाते हैं कि 2 साल पहले उनके बेटे की मौत हो गई और उसके दो छोटे बच्चे अब उन्हीं के पास रहते हैं। उनकी मां भी उन्हें छोड़ गई।
हरबंस सिंह का एक बेटा और है। वो फल बेचने का काम करता है, लेकिन काफी समय पहले ही उनसे अलग चुका है और अब बूढ़े पिता का उसे कोई ख्याल नहीं। हरबंस भी इतने खुद्दार हैं कि बेटे या किसी और के आगे हाथ फैलाने के बजाय उन्होंने अपनी मेहनत से बच्चों का पालने का फैसला किया। वैसे वो दशकों से सब्जी बेचने का काम कर रहे हैं। विभाजन से पहले उनका परिवार लाहौर में अनाज तौलने का काम करके गुजारा करता था। विभाजन के बाद वो लाहौर से भागकर भारत आ गए थे। हरबंस उस समय 27 साल के थे। सोशल मीडिया पर उनकी कहानी अब वायरल हो चुकी है और कई लोगों ने उनकी मदद करने की इच्छा जाहिर की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि लोग उनकी झोली इतनी भर दें कि 100 साल के बूढ़े हाथ आलू-प्याज का ठेला खींचते नजर ना आएं।