क्या है निपाह वायरस जिससे केरल में 12 वर्षीय बच्चे की हुई मौत? जानिए इसके लक्षण

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नई दिल्ली: देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पहले से ही जुझ रहा है। अब केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद एक और वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। यह है निपाह वायरस। रविवार को इस वायरस की चपेट में आकर 12 वर्षीय बच्चे की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। 12 वर्षीय बच्चे के शरीर से लिए गए सैंपल को जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया था। रिपोर्ट में निपाह वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के घंटों बाद उसकी मौत हो गई। बता दे कि बच्चा हाल ही में कोरोना संक्रमण से ठीक हुआ था मगर लगातार तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ पर 1 सितंबर को कोझिकोड जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सरकार ने कहा है कि उसके संपर्क में आए लोगों को ढूंढकर आइसोलेट कर दिया गया है और उनमें से सभी लक्षण मुक्त हैं। लेकिन अभी भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है क्योंकि राज्य का स्वास्थ्य ढांचा पहले ही एक महामारी से निपटने के चलते दबाव में है, और स्थानीय एंडेमिक स्थिति को बदतर को कर सकती है। आपको बता दें कि एंडेमिक स्टेज उस वक्त होता है जब आबादी वायरस के साथ जीना सीख लेती है यानी वायरस के फैलाव की प्रकृति अब स्थानीय हो सकती है जबकि पैनडेमिक में जनसंख्या का बड़ा हिस्सा वायरस की चपेट में आता है। हालांकि, निपाह को खतरनाक जाना जाता है क्योंकि शुरुआती लक्षण बिल्कुल कोरोना वायरस के समान होते हैं।

क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस का पता पहली बार 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई में प्रकोप के दौरान चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने निपाह को एक जूनोटिक वायरस बताया है जो मूल रूप से जानवरों से इंसानों में ट्रांसमिट होता है। वायरस दूषित भोजन या सीधे लोगों के बीच से भी पहुंच सकता है। अब तक, एशिया में निपाह वायरस कुछ ही प्रकोप की वजह बना है, जिसने इंसानों और दूसरे जानवरों जैसे सूअरों दोनों को प्रभावित किया है। निपाह वायरस का प्रसार फ्रूट बैट के लार से होता है। जानकारी के मुताबिक, वायरस का मूल जानवर हैं लेकिन संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से इंसानों में भी बीमारी फैल सकती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि निपाह जैसे वायरस भारत में लंबे समय तक चमगादड़ों के सह अस्तित्व हो सकते है। इस तरह की बीमारी उस वक्त खतरनाक हो जाती है जब जानवर तनाव में हो। तनाव आवास की कमी, जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिलने के कारण हो सकता है। इसलिए, जब जानवर तनाव का सामना करता है, तो इस तरह के वायरस सामने आते हैं। दूसरे शब्दों में, वायरस जानवर से बाहर निकल जाते हैं.”

निपाह वायरस के क्या है लक्षण
निपाह वायरस संक्रमण के लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, मांसपेशी में दर्द, उल्टी और गले की सूजन शामिल है। ये एंसेफ्लाइटिस यानी दिमाग की सूजन समेत हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और संभावित तौर पर मौत का कारण बन सकता है। लक्षण आम तौर पर वायरस की चपेट में आने के बाद 4-14 दिनों में जाहिर होते हैं। उसमें सांस की बीमारी जैसे खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई के संकेत शामिल हैं। कुछ मामलों में न्यूमोनिया का भी कारण बना है। निपाह वायरस से ठीक होने वालों में लंबे समय तक लक्षणों को देखा गया है।

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