पोस्ट कोविड दुष्प्रभावों में बेहद कारगर साबित हो रही एक्यूपंक्चर चिकित्सा -डा.जी.पार्थ

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लखनऊ,27मार्च।राजधानी के महानगर क्षेत्र स्थित एपेक्स हास्पिटल में अब तक सैकड़ों कोविड पीड़ित रोगियों का सफल इलाज कर चुके डा.जी.पार्थ प्रतिम इसे उन सभी शारीरिक समस्याओं में बेहद कारगर चिकित्सा पद्धति बताते हैं जो कोविड महामारी से जीवित बचे अधिकांश लोगों में देखने को मिल रही हैं। डा.जी.पार्थ के अनुसार कोविड-19 पूरी दुनिया के लिए एक भयावह सपने की तरह आया। इस वायरस ने 2020 में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी तो सन् 2021में दूसरी लहर के रूप मे विकराल रूप दिखाया तथा सम्पूर्ण विश्व को स्तब्ध कर दिया। भारत भी इस वायरस से अछूता नही रहा। विशेषकर दूसरी लहर में अप्रैल मई 2021 का समय अत्यन्त भयावह रहा। देश में लाखों लोग इस बीमारी से स्वर्गवासी हो गये तो करोड़ों लोगों ने इस पर विजय भी प्राप्त की । इनमें से बहुत सारे जीवित बचे लोग पोस्ट कोविड दुष्परिणामों से आज भी भीषण रूप से संघर्ष कर रहे है।डा.जी.पार्थ के अनुसार ये पोस्टकोविड दुष्प्रभाव बहुत सारे लक्षणों के रूप में दिखाई दे रहे हैं।
इनमें से डिप्रेशन, स्ट्रेस, अनिद्रा, नकारात्मकता, सूखी खाँसी, खराश, स्वाद की कमी, स्थायी
सिरदर्द, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी, शारीरिक कमजोरी, जोड़ों में दर्द ,पेट की समस्याएं जैसे कि गैस बनना, पेट फूलना,अपच होना आदि समस्याएं स्थायी रूप में लोगों के शरीर में प्रवेश कर गयी हैं। इन लक्षणों या बीमारियों का समाधान विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों मे भी सीमित है। कुछ लक्षणों का तो कोई भी इलाज उभरकर सामने नहीं आया जैसे कि मुँह का टेस्ट खत्म होना, खराश,अनिद्रा आदि का कोई भी चिकित्सा पद्धति स्थायी समाधान नहीं दे पा रही है। परन्तु एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्वति जो कि सम्पूर्ण रूप से प्राकृतिक तरीके चिकित्सा करती है तथा शरीर के हारमोन तथा न्यूरो-ट्रान्समीटर लेवल पर कार्य करके हारमोन तथा न्यूरो-ट्रान्समीटर की संतुलन बनाकर हमारे शरीर को स्वस्थ बनाती है।उदाहरणार्थ, कोविड से हमारे शरीर के कई उच्च हारमोन अर्थात न्यूरो-ट्रान्समीटर की कमी हो जाती है, जैसा कि सिरोटानिन नाम का जो न्यूरो ट्रान्समिटर जिसे हैप्पी हारमोन भी कहा जाता है,शरीर में कम होने लगता है।इससे मरीज की अवसाद होने लगता है तथा नींद की कमी होने लगती है। ऐसे मरीज को जब एक्यूपंक्चर चिकित्सा दी जाती है तो उसके शरीर मे सिरोटानिन लेवल बढने लगता हैं एवं मरीज को धीरे-धीरे नींद आने लगता है तथा अवसाद से मुक्त होने लगता है। यह चिकित्सा लगातार 10-15 दिन के लिए 30 से 40 मिनट के लिए की जाती है, जिसे एक सेशन कहा जाता है। लगभग 1-2 सेशन मे ही मरीज लगभग पूर्णतः ठीक हो जाता है। वर्तमान में ही पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव के कई मरीजों का इलाज एक्यूपंक्चर द्वारा एपेक्स अस्पताल में किया जा रहा है जिसमें से एक मरीज श्रीमती सूची जो कि अन्य किसी बीमारी की इलाज हेतु हमारे हाॅस्पिटल मे आ रही थीं।अप्रैल में उन्हे भी कोविड हुआ जिससे उनकी मुंह का टेस्ट अभी भी ठीक से नही आया था। परन्तु पिछले 3-4 सिंटिंग एक्यूपंक्चर पश्चात उनका मुंह का टेस्ट काफी हद तक वापस आ गया तथा लगातार सिरदर्द जो कि पोस्ट कोविड प्रारम्भ हुआ था उसमें काफी आराम है।अतः विभिन्न पोस्टकोविड दुष्प्रभावों एवं जटिलताओं का समाधान बिना किसी दवा के, बिना किसी अन्य दुष्प्रभाव के बिलकुल सुरक्षित तरीके से एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्वति से पूर्ण रूप से सम्भव है।

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