प्रदेश के 50 हजार युवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म कोर्सेरा के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अनुरूप निःशुल्क प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराई गई :- कपिल देव अग्रवाल

कैनविज टाइम्स ब्यूरो/ धीरेन्द्र मिश्रा

लखनऊ। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा पिछले चार वर्षों में किये गये प्रयासों के सम्बन्ध में कपिल देव अग्रवाल राज्यमंत्री व्यावसियक शिक्षा एवं कौशल विकास द्वारा प्रेसवार्ता में बताया गया कि फरवरी 2020 से सितम्बर 2020 तक आईटीआई में शिक्षण तथा उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्य स्थगित रहने पर भी विभाग द्वारा उक्त अवधि की कमी को पूरा करने के लिए गहन प्रयास किये जा रहे है। कोविड – संक्रमण के कारण प्रदेश में लौटे लगभग 38 लाख प्रवासी श्रमिकों की आजीविका का प्रबंध करने तथा उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सहायता देने के लिए आरपीएल के अन्तर्गत प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत के विचार को और बढ़ावा देने के लिए आभा मोबाइल एप को भी विकसित किया गया है। जिसमें वे स्किल ट्रेनिंग की आवश्यकता को बता सकते है और ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते है। उन्होने बताया कि स्व रोजगार से जुड़े हुए कुछ वीडियोज भी इस एप में रखे गये है। कोरोना के कारण औपचारिक प्रशिक्षण संभव न होने पर भी विभाग द्वारा प्रदेश के 50,000 युवाओं को अमेरिका में स्थापित अन्तर्राष्ट्रीय डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म कोर्सेरा के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर व मानकों के अनुरूप निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इन युवाओं को प्रशिक्षण के उपरान्त सर्टीफिकेट भी प्राप्त होगा। जिसे विश्व के अनेक देशों में मान्यता प्राप्त है। इससे युवा देश के बाहर भी रोजगार प्राप्त कर सकेंगें। राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 4 साल में 47 नए राजकीय आईटीआई खोले गये है। जिनको सम्मिलित कर कुल 305 राजकीय आईटीआई प्रदेश में संचालित है। जिनमें 1.72 लाख से अधिक छात्रों के शिक्षण, प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। विभाग तथा सरकार द्वारा नये आईटीआई खोलने में प्राथमिकता उन तहसीलों और विकास खण्डों या अल्पसंख्यक बहुल्य क्षेत्रों को दी गयी है। जहाँ कोई प्रशिक्षण संस्थान उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा 36 नये आईटीआई भी अनुमोदित कर दिये है। जिनका निर्माण आगामी नवम्बर तक पूर्ण कर लिया जायेगा। विभाग की एक बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि पिछले 4 वर्षों में 1 लाख 7 हजार 489 सीटों की मान्यता एनसीवीटी से प्राप्त करने की रही है। ये सीटें अभी तक एससीवीटी द्वारा मान्यता प्राप्त थी। एनसीवीटी की मान्यता मिल जाने से अब इन सीटों पर पढ़ने वाले छात्रों को भी राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रमाण-पत्र मिल सकेंगें। प्रदेश में कुल 1,51,508 सीटों पर एनसीवीटी की मान्यता उपलब्ध है। जो कुल सीटों की लगभग 88 प्रतिशत संख्या है। डिजिटल इण्डिया तथा ग्रीन एनर्जी जैसे विषयों पर भी सरकार और विभाग ने तेजी से कार्य किया है। अब सभी राजकीय आईटीआई में आईटी लैब व स्मार्ट क्लास रूम उपलब्ध है। इन 4 वर्षों में 66 आईटीआई में हमने 40 किलोवाट की क्षमता के सोलर एनर्जी प्लाण्ट भी लगवाये है ताकि छात्र आधुनिक तकनीक के साथ और बगैर विद्युत आपूर्ति की कठिनाई के साथ अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। छात्रों की सुविधा के लिए यूराइज पोर्टल भी प्राविधिक शिक्षा विभाग के सहयोग से तैयार किया गया है। जिसमें सभी तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले और ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों का विवरण उपलब्ध है। इसमें छात्रों के लिए ई-कन्टेण्ट तथा वीडियो लेक्चर्स भी अपलोड किये गये है।
सरकार द्वारा प्रदेश में 50,000 युवाओं को अप्रेन्टिसशिप योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा चुका है। उद्योगों की व्यावसायिक प्रशिक्षण व तकनीकी शिक्षण में और अधिक प्रभावी भूमिका के लिए देश की प्रमुख औद्योगिक एवं उत्पादन इकाईयों जैसे-एनटीपीसी, भारत इलैक्ट्रानिक्स लि, रिलायन्स पॉवर, टाटा मोटर्स, इण्डिया यामाहा मोटर्स, मारूति सुजुकी इण्डिया लि0, टोयोटा मोटर्स, सैमसंग इण्डिया व रॉयल इनफील्ड इत्यादि के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किये गये है। यही प्रयोग उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन में भी फ्लैक्सी पार्टनरशिप मॉडल के अन्तर्गत किया गया है और आरएसडब्लूएम, वीएलसीसी, विप्रो0 जी हेल्थकेयर प्राइवेट लि0, फ्यूचर शार्प, यू0पी0 होटल्स इत्यादि के साथ अनुबंध किया गया है। आईटीआई द्वारा सामान्यतः एक वर्षीय व दो वर्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते है। जबकि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन में सामान्यतः तीन माह से छः माह तक के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाते है। उ0प्र0 कौशल विकास मिशन द्वारा पिछले 4 वर्षों में 7 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जबकि इसके पूर्व के 4 वर्षों में 3 लाख 71 हजार युवाओं को ही प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रकार वर्तमान सरकार के 4 वर्षों में 88 प्रतिशत अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। इसी तरह पिछले 4 वर्षों में 3 लाख 42 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार दिलाया गया है। जबकि इसके पूर्व के 4 वर्षों में 1 लाख 36 हजार युवाओं को सेवायोजित कराया गया था। वर्ष 2017-18 से 2020-2021 के मध्य सभी मण्डलों में वृहद रोजगार मेलों का आयोजन किया जा चुका है। वर्ष 2017-18 से दिसम्बर 2020 के दौरान 15 लाख 74 हजार युवाओं के प्रशिक्षण हेतु लक्ष्यों का आवंटन किया गया। जबकि इसके पूर्व के 4 वर्षों में यह संख्या लगभग 4 लाख 84 हजार थी। इस तरह 4 वर्षों में लगभग 4 गुना अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने के लक्ष्य आवंटित किये है। 4 वर्षों में हमने 435 प्रशिक्षण प्रदाताओं को अनुबंधित किया है। जबकि इससे पिछले 4 वर्षों में कुल 148 प्रशिक्षण प्रदाताओं को ही अनुबंधित किया गया था। इसके अतिरिक्त नए प्रशिक्षण प्रदाताओं को तथा दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण हेतु विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदाताओं को अनुबंधित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये जा चुके है। जिनकी संख्या भी लगभग 500 है। उ0प्र0 कौशल विकास मिशन द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ समन्वय कर 16 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया गया है और लगभग 11 हजार महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त भी कर रही है। अनेक महिला स्वयं सहायता समूह स्कूली ड्रेस तैयार कर रही है, जिन्हें स्कूलों में सप्लाई किया जा रहा है।

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