प्रशाशनिक अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ा “फोर सीजन गेस्ट हाउस

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प्रयागराज उत्तर प्रदेश (कैनविज टाइम्स) आज पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है तथा हर शहर में जगह-जगह बड़े पैमाने पर कोरोना संदिग्धों को क्वारन्टाइन अथवा आइसोल्युशन वार्ड में रखा जा रहा है !

इसी कड़ी में जनपद प्रयागराज में भी कोरोना पॉजिटिव संदिग्धों को क्वारन्टाईन करने के लिए जिला प्रशासन ने शहर के अनेक गेस्ट हाउसों व होटलों को अधिकृत कर लिया था !

उल्लेखनीय है कि करेली क्षेत्र के एक नामचीन गेस्ट हाउस ” *फोर सीजन* ” को भी जिला प्रशासन ने क्वारन्टाइन सेंटर बनाने के लिये अधिगृहीत कर लिया था !
फोर सीजन गेस्ट हाउस के संचालक *श्री अरुण सिंह कुशवाहा* ने बताया कि उपरोक्त गेस्ट हाउस के कुछ कमरों व बरामदे तथा सामने वाले पार्ट को क्वारन्टाइन के उपयोग के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को मैखिक रूप से बिना किसी शर्त के दे दिया था ,
तथा उसकी ताला-चाभी भी अधिकारियों को सुपर्द कर दिया था !
प्रशासनिक अधिकारिययों ने उक्त गेस्ट हाउस के निर्धारित कमरों में कुछ पुलिस कर्मियों को ठहरा दिया था !

दिनाँक 1 मई 2020 को प्रशासनिक अधिकारियों ने लूकरगंज के कुछ कोरोना पॉजिटिव संदिग्धों को लाकर बिना साफ -सफाई करवाये ही उपरोक्त गेस्ट हाउस के सामने वाले पार्ट में ठहरा दिया था !
उसमें ठहराये गये मरीजों ने वहाँ फैली हुई गंदगी व अव्यवस्था को देखकर प्रशासन को कोसते हुए एक वीडियो बना ली और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया !

सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होते ही जिला प्रशासन की किरकिरी होने लगी ! अपनी लापरवाही को उजागर होते देख कर प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पाँव फूल गये !
नाकामी को छुपाने के लिये प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने भ्रष्ट *लेखपाल ऋतुकेश श्रीवास्तव** और लापरवाह *एसo आईo* *प्रदीप पाल* की गलत रिपोर्ट देने पर पूरे गेस्ट हाउस को ही सील कर दिया !

गेस्ट हाउस को सील करने का कारण पूँछने पर अधिकारियों की ओर से यह जवाब आया कि गेस्ट हाउस के मालिक ने प्रशासन के साथ असहयोग किया है !
इस बात की खबर दैनिक जागरण अखबार में भी छपी हुई है !
ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर जब गेस्ट हाउस के मालिक ने ताला-चाभी के साथ कमरों , बरामदों और सामने वाले पार्ट को प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले कर दिया था और पुलिस वाले भी उक्त कमरों में ठहरे हुए थे , तो फिर उसमें असहयोग की बातें कहाँ से उत्पन्न हो गई ?

गेस्ट हाउस के मुख्य द्वार पर प्रशासन की ओर से जो नोटिस चस्पा की गई है , उसमें बाकायदा गेस्ट हाउस का निर्माण अनाधिकृत रूप से किये जाने के कारण गेस्ट हाउस को सील करने की बातें लिखी हुई हैं !

अब कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इस सावल का स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है , कि “उपरोक्त गेस्ट हाउस को असहयोग के कारण सील किया गया है अथवा अनाधिकृत निर्माण के कारण ?
इस ज्वलंत सवाल से कन्नी काट रहे प्रशासनिक अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि इस पूरे प्रकरण में गेस्ट हाउस के मालिक की कहीं भी गलती नजर नहीं आ रही है ,

बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही व गेस्ट हाउस के मालिक अरुण सिंह के साथ स्थानीय पुलिस व लेखपाल की कोई निजी खुन्नस को भुनाने का ही मामला समझ मे आ रहा है
कुल मिलाकर उपरोक्त गेस्ट हाउस को बिना किसी ठोस कारण के येन केन प्रकारेण सीज करके प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी नाकामी को ही छुपाने के प्रयास किया है।

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