कैनविज टाइम्स की खबर का कमिश्नर ने लिया संज्ञान, मुख्यालय छोड़ने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही के दिए निर्देश

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रायबरेली। कोरोना महामारी को लेकर जिले में डेरा जमाए कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय कुमार शर्मा को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय छोड़ने पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी जारी की है। कमिश्नर ने “कैनविज टाइम्स” में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए कहा कि उनकी जानकारी में आया है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी शाम होते ही मुख्यालय छोड़ देते हैं। ऐसे समय में उनका यह कृत्य कर्तव्यों के घोर विपरीत है। अब जिनकी लोकेशन मुख्यालय से बाहर होगी उन पर कार्यवाही की गाज जरूर गिरेगी। उन्होंने जिला मलेरिया अधिकारी से भी जवाब तलब किया। कमिश्नर श्री मेश्राम ने डीएम को निर्देश दिए कि ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को चिन्हित करें जो शाम होते ही मुख्यालय छोड़ देते हैं।
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी शाम होते ही मुख्यालय छोड़ देते हैं। इस मामले में जिला मलेरिया अधिकारी का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार शर्मा की अनुभवहीनता पहले भी साबित हो चुकी है। यही कारण है कि वह प्रशासनिक दायित्व के निर्वहन में भी फेल हो रहे हैं। तभी तो उनका अपने मातहतों पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसी मामले को लेकर कैनविज टाइम्स में “कोरोना से कैसे जंग लड़ेंगे अनुभवहीन सीएमओ और उनकी टीम!” नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। करुणा को लेकर जनपद के नोडल बनाए गए लखनऊ मंडल के कमिश्नर मुकेश मेश्राम और आईजी एसके भगत बीते करीब एक सप्ताह से जिले के दौरे पर हैं। इस दौरान कमिश्नर ने कैनविज टाइम्स में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है और उन्होंने सबसे ज्यादा मुख्यालय छोड़कर जाने वाली जिला मलेरिया अधिकारी से भी जवाब- तलब किया है। कमिश्नर ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि फौरन इस संबंध में आदेश जारी किया जाए और जो भी अधिकारी व कर्मचारी बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ते हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कमिश्नर के निर्देश के बाद जिलाधिकारी सुभ्रा सक्सेना ने इस संबंध में आदेश निर्गत कर दिए हैं। शुक्रवार को डीएम शुभ्रा सक्सेना ने आदेश जारी कर बताया कि कोरोना कोविड-19 राष्ट्रीय आपदा घोषित हो चुका है। इस समय सभी अवकाश निरस्त हैं। जिले व प्रदेश की सभी सीमाए सील हैं। केवल शासकीय कार्य में प्रयुक्त वाहन ही प्रवेश कराए जा रहे हैं। शासकीय कोषागार से वेतन पाने वाला कोई भी कर्मचारी या अधिकारी यदि बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ कर जिले के बाहर जाता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया जायेगा। डीएम के इस आदेश से कर्मचारियों व अधिकारियों में हड़कंप मच गया हैं। सूत्रों की माने तो कुछ अधिकारी व कर्मचारी लॉकडाऊन के दौरान ही सेटिंग-गेटिंग करके मुख्यालय छोड़ चुके है उन पर आफत आ गयी है। ऐसे कामचोरों की अब खैर नही। इन पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। डीएम के सख्त रवैये ने इन लापरवाह कर्मचारियों व आधिकारियों के होश उड़ा दिये हैं। कुछ भी हो डीएम के इस आदेश ने उन बेचारों की नींद उड़ा दी है जो मुख्यालय में नहीं हैं। अब वो न आ सकते हैं न बता सकते हैं। क्योकि अगर उनके मुख्यालय छोड़ने की भनक भी डीएम को लगी तो ऐसे में उनका जेल जाना तय हैं।

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