डिजिटल डेस्क : संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया तेज हो गयी है. बहुजन समाजवादी पार्टी और बसपा प्रमुख मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहन भागवत के बयान को मुंह में राम बगल में छुरी वाला बताया है. उन्होंने कहा, कोरोना संक्रमण की वजह से सामान्य जन जीवन में लोग वैसे ही परेशान है. आरएसएस के बयान से जाहिर है कि उनकी कथनी और करनी में फर्क होता है. यह जो भी कहते हैं जो जातिवाद, संप्रदाय और धार्मिकता से जुड़ा हो उसका उल्टा करते हैं.
उन्होंने संघ प्रमुख के बयान का जिक्र करते हुए कहा, यह विश्वसनीय लगता है, उनका यह बयान मुंह में राम बगल में छूरी ज्यादा लगता है. जबतक आरएसएस में संवैधानिक परिवर्तन नहीं आयेगा मुस्लिम समाज उन पर विश्वास नहीं करेगा.
States with BJP-led govt are mainly run on RSS ideologies & are creating chaotic, violent environment. RSS chief Mohan Bhagwat's remark claiming one DNA of all religions y'day, is unacceptable as difference is clearly visible b/w what they say & what they do:BSP chief Mayawati pic.twitter.com/73Yu5LtPzA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 5, 2021
उन्होंने धर्म परिवर्तन के कानून का विरोध करते हुए कहा, किसी का भी जबरन धर्म परिवर्तन करना गलत है, ऐसे मामलों की जांच होनी चाहिए उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन राज्य में जबरन सोची समझी रणनीति के तहत हिंदू मुस्लिम के मामले को मुद्दा बनाया जा रहा है जो उचित नहीं है. दोनों धर्म के लोगों में आपसी नफरत पैदा होगी. यह देशहित में नहीं है. देश में धर्मपरिवर्तन के नाम पर नुकसान पहुंचाने की बड़ी साजिश चल रही है.
इस कानून की वजह से मुस्लिम समुदाय ज्यादा प्रभावित हैं. इनमें असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है यह सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है.