मानव श्रृंखला बनाकर फाइलेरिया के प्रति किया जागरूक, दवा खाने और खिलाने की दिलाई शपथ

धीरेन्द्र मिश्रा/ कैनविज टाइम्स

लखनऊ। नेगलेक्टेड ट्राफिकल डिजीज दिवस पर सोमवार को लखनऊ में मानव श्रृंखला बनाकर फाइलेरिया उन्मूलन मे सहयोग के लिए जागरूकता अभियान की शुरुवात की गई आयोजन में रोगियों के प्रति सद्भाव व्यक्त करने और एमडीए एवं आईडीए कार्यक्रम के दौरान सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने और खिलाने की शपथ दिलाई गई। लखनऊ समेत 19 जिलों में यह अभियान 10 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। मानव श्रृंखला बनाने से पहले उपस्थित छात्र छात्राओं और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए डॉ लक्ष्मण सिंह, महाप्रबंधक, एनएचएम ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित बीमारी है। इसे हाथी पांव भी कहते हैं। यदि किसी को यह बीमारी हो जाती है तो वह पूर्णतया ठीक नहीं होती है। समुचित देखरेख के अभाव में व्यक्ति को जीवन भर के लिए दिव्यांग बना सकती है। सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने कहा की फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन ही इसका सही उपचार है। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय पर मानव श्रंखला बनाई गई। इसमें जन सामान्य से 10 फरवरी से शुरू होने वाले आईडीए राउंड के तहत फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने की अपील की गई। कार्यक्रम मे लोगो ने दवा खाने की अपील के साथ बने सेल्फ़ी कार्नर के साथ फोटो भी खिचाई, सभी प्रतिभागियों ने हस्ताक्षर बैनर पर हस्ताक्षर करके भी अपनी फाइलेरिया उन्मूलन हेतु अपनी प्रतिबद्धतता व्यक्त की। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ रितु श्रीवास्तव ने कहा कि इस अभियान में दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती व गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को दवा का सेवन कराना है। जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु रहते हैं उन्हें दवा के सेवन के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना आदि समस्याएं हो सकती हैं लेकिन इससे घबराना नहीं है। इसके बाद भी अगर कोई दिक्कत महसूस हो तो रैपिड रिस्पॉन्स टीम से या निकटतम स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें या पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं।

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