राजभवन में मनाया गया जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का स्थापना दिवस

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लखनऊ।प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आज राजभवन में “एक भारत-श्रेष्ठ भारत“ योजनांतर्गत केंद्रशासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर व लद्दाख के स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ मनाया गया। इस अवसर पर लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर के प्रतिनिधि द्वारा राज्यपाल को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट की गई।
राज्यपाल जी ने समारोह में सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि अखंड भारत हेतु उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने सरदार पटेल को एक आदर्श इंसान बताया। उन्होंने कहा कि उनका जीवन लोगों को प्रेरित करता है, उनकी जीवनी सभी को पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल कंधे से कंधा मिलाकर सभी कार्य करते थे और किसी भी कार्य को अंजाम तक पहुंचाना उनकी विशिष्टता थी।राज्यपाल जी ने देश की आजादी को लाखों लोगों के समर्पण और शहादत का नतीजा बताया। उन्होंने आज इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत की होनहार बेटी की संज्ञा दी।राज्यपाल जी ने कहा कि राज्यों व केंद्रशासित प्रदेश के स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य उनके बारे में जानने और जानकारियां एकत्र करने हेतु एक अवसर होता है।राज्यपाल ने जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के बारे में अपने संबोधन में कहा कि यह पर्वतीय क्षेत्र हैं जो बर्फ से आच्छादित रहते हैं, ऐसी परिस्थितियों में यहां अध्ययन और अध्यापन एक कठिन कार्य है। किंतु युवा कलाकार वहीं से पठन-पाठन करके आए हैं ।उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराने हेतु सरकार प्रयासरत है, जिससे युवा आगे बढ़े। जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को उन्होंने बहुत ही खूबसूरत क्षेत्र बताते हुए कहा कि वहां जाना चाहिए, लोगों की समस्याओं को जानना चाहिए तथा उसके समाधान हेतु मिलकर प्रयास करना चाहिए। जम्मू कश्मीर के एकीकरण पर सरदार पटेल के योगदान की भी उन्होंने चर्चा की। राज्यपाल ने कहा कि धारा 370 को हटाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विकास कार्यों को गति मिली है।राज्यपाल ने कहा कि देश के विकास के लिए सोचना, उस पर कार्य योजना तैयार करना और उसके सही क्रियान्वयन से सुख और समृद्धि आती है। जम्मू कश्मीर में विकास कार्यों का हवाला देते हुए राज्यपाल  ने कहा कि चेनाब नदी पर बने रेल पुल की कल्पना नहीं की जा सकती थी। उन्होनें कहा कि सीमा पर सेना के आवागमन हेतु सुलभ रास्ते को बनाया गया। राज्यपाल जी ने जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में अद्यतन समय में बदलाव और विकास की भी चर्चा की।
इस अवसर पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज, संस्कृति विभाग, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा लद्दाख व जम्मू कश्मीर से आए कलाकारों ने लोकगीत व लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। राज्यपाल  ने कलाकारों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें बधाई दी। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख पर निर्मित डाक्यूमेंट्री को भी प्रदर्शित किया गया।राज्यपाल  ने इस अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के हस्तशिल्प, स्थानीय उत्पाद व विविध विषयों पर राजभवन में लगायी गयी प्रदर्शनी एवं रंगोली का अवलोकन किया।कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा  पंकज जॉनी, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उत्तर प्रदेश में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी और प्रवासी नागरिक, लद्दाख से आए कलाकार, राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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