राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड ने राज्य ऋण संगोष्ठी 2023-24 का किया आयोजन

धीरेन्द्र मिश्रा/ कैनविज टाइम्स

● स्टेट फोकस पेपर का भी हुआ लोकार्पण

लखनऊ। नाबार्ड ने वर्ष 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के तहत 3.75 लाख करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता का आकलन किया। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को गोमती नगर स्थित होटल में राज्य ऋण संगोष्ठी 2023-24 का आयोजन किया। जिसमे डीएस मिश्रा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार मुख्य अतिथि रहे। मुख्य सचिव ने प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के तहत वर्ष 2023-24 के लिए स्टेट फोकस पेपर का लोकार्पण किया। स्टेट फोकस पेपर उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों एमएसएमई और अन्म प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण के लिए नाबार्ड द्वारा तैयार की गई संभाव्यता युक्त ऋण योजना का समेकित रूप है। इस दस्तावेज़ में वर्ष 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के तहत 3.75 लाख करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता का आकलन किया गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है। कृषि की ऋण संभाव्यता 2.32 लाख करोड़ एमएसएमई की 1.05 लाख करोड़ और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र की 0.37 लाख करोड़ आंकी गई है। वहीं एस के दोरा मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने राज्य के समग्र विकास के लिए ऋण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने नाबार्ड की विभिन्न पहलों पर जोर दिया जैसे वाटरशेड का विकास, वाडी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्त पोषण ग्रामीण समृद्धि लाने हेतु किसान उत्पादक संगठनों का गठन आदि नवीनतम आईसीटी पहलों में वर्ष के दौरान 82 हाईटेक कृषि परियोजनाओं को मंजूरी देना और 54 उत्पादों की जियो टैगिंग शामिल हैं। शरद एस चांडक मुख्य महाप्रबंधक एसबीआई ने सभी हितधारकों को अधिक से अधिक किसान उत्पादक संगठनों को बढ़ावा देने और राज्य में अब तक बैंक ऋण के दायरे से बाहर रहे 5 लाख स्क्यं सहायता समूहों को ऋण देने हेतु प्रोत्साहित किया। बालू केंचप्पा, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई ने संभाव्यता युक्त ऋण योजना बनाने के कार्य को समय से पहले पूरा करने के लिए नाबार्ड की सराहना करते हुए बैंकरों को एनबीएफसी, ऐपआधारित ऋण दाताओं, कृषि-स्टार्टअप जैसी संस्थाओं को अधिक से अधिक ऋण देने के लिए प्रेरित किया। देवेश चतुर्वेदी अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि ने कहा कि उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां किसानों को 6 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन दिया जाता है। इसलिए सभी हितधारक राज्य में छोटी और विखंडित जोतों के कारण उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए एफपीओ एसएचजी और जेएलजी को पर्याप्त राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ऋण दें। दुर्गा शंकर मिश्रा मुख्य सचिव ने नाबार्ड को समय पर ऋण आयोजना प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बधाई देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड योजना के महत्व पर बल दिया और केसीसी धारकों को शीघ्रतापूर्वक ऋण स्वीकृत करने के लिए बैंकरों को प्रेरित किया। इससे न केवल राज्य के ऋण जमा अनुपात में सुधार होगा बल्कि उत्तर प्रदेश के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बैंक ऋणों की शीघ्र स्वीकृति में नवीनतम बैंकिंग तकनीकों का उपयोग करने पर बल दिया ताकि उत्तर प्रदेश को अगले 05 वर्षों में 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की उत्तर प्रदेश सरकार की आकांक्षाओं को साकार किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्याप्त पानी उपलब्ध होने के मद्देनजर राज्य को जल आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सभी हितधारकों द्वारा गंभीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों जैसे कृषि आयोजना, सहकारिता, ग्रामीण विकास और भारतीय रिज़र्व बैंक और राज्य स्मरीय बैंकर्स समिति के वरिष्ठ प्रतिनिधियों द्वाराअपने अपने विषयों पर प्रस्तुतियां दी गई। सभी प्रासंगिक विषयों पर विचारोत्तेजक और गहन चर्चा के बाद उत्कृष्ट कार्य करने वाले एसएचजी, एफपीओ, एफपीओ प्रवर्तक एजेंसियों, एनजीओ आरआरबी और सहकारी बैंकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बीएल मीणा, प्रमुख सचिव, आलोक कुमार, प्रमुख सचिव, अजय चौहान, प्रमुख सचिव, आरआरबी के अध्यक्ष, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, बैंकर और सम्बद्ध विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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