आजमगढ़ में भ्रष्टाचारियों की भेट चढ़ा एक और नवजात

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आजमगढ़: आजमगढ़ के महिला अस्पताल की भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है आए दिन बिना इलाज के नवजात शिशु अपनी जान गवा रहे हैं। महिला अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में जहां फिर एक नवजात शिशु अपनी जान गवा दिया महिला आजमगढ़ में एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के भ्रष्टाचारियों की भेट चढ़ा एक और नवजात

आजमगढ़ के महिला अस्पताल की भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है आए दिन बिना इलाज के नवजात शिशु अपनी जान गवा रहे हैं। महिला अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में जहां फिर एक नवजात शिशु अपनी जान गवा दिया महिला अस्पताल के स्टाफ का कहना है। कि यहां पर 10 बेड है जो फूल है न तो वहां कोई डॉक्टर है ना नर्स है मृतक के परिजन का कहना है कि हमें रानी की सराय अस्पताल से रेफर किया गया कि बच्चा कमजोर है इसे आईसीयू में भर्ती करवाएं हम लोग भागे भागे आजमगढ़ के महिला अस्पताल में आए जहां पर स्टाफ का कहना है कि हम भर्ती नहीं कर पाएंगे।

एक बार फिर से सरकारी स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ा एक और नवजात 14 घंटों से इलाज की आस मे तड़प रहे हैं। जच्चा और बच्चा बेड इंगेज रहने का₹ बहाना बनाकर इलाज करने से इंकार कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मी सरकार की मंशाये, आए दिन दम तोड़ती नजर आती है। यहां के ज्यादातर बाल रोग विशेषज्ञ पूरा ध्यान लगाते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस में देर रात इलाज के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ने के बाद अस्पताल कर्मियों से थक हार कर किसी तरह गरीब प्रसूति महिला पहुंची अपने घर इस मामले में स्वास्थ विभाग के अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।अस्पताल के स्टाफ का कहना है। कि यहां पर 10 बेड है जो फूल है न तो वहां कोई डॉक्टर है ना नर्स है मृतक के परिजन का कहना है कि हमें रानी की सराय अस्पताल से रेफर किया गया कि बच्चा कमजोर है इसे आईसीयू में भर्ती करवाएं हम लोग भागे भागे आजमगढ़ के महिला अस्पताल में आए जहां पर स्टाफ का कहना है कि हम भर्ती नहीं कर पाएंगे।

एक बार फिर से सरकारी स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ा एक और नवजात 14 घंटों से इलाज की आस मे तड़प रहे हैं। जच्चा और बच्चा बेड इंगेज रहने का बहाना बनाकर इलाज करने से इंकार कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मी सरकार की मंशाये, आए दिन दम तोड़ती नजर आती है। यहां के ज्यादातर बाल रोग विशेषज्ञ पूरा ध्यान लगाते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस में देर रात इलाज के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ने के बाद अस्पताल कर्मियों से थक हार कर किसी तरह गरीब प्रसूति महिला पहुंची अपने घर इस मामले में स्वास्थ विभाग के अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।

 

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