लखनऊ। सेव द चिल्ड्रेन भारत में बाल अधिकारों के विमर्श और कार्यवाही को गहरा करने के लिए बच्चो की आवाज को बुलन्द करता है। एमिटी विवि, लखनऊ के साथ मिलकर उच्च स्तरीय विविध हितधारकों के मध्य रिपोर्ट के निष्कर्षों को प्रस्तुत करने हेतु एक साझा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 11 अप्रैल मंगलवार को द राइट्स एण्ड एजेन्सी आफ चिल्ड्रेन इन इण्डिया (टी.आर.ए.सी.) रिपोर्ट के निष्कर्षों को उच्च स्तरीय हितगामियों के मध्य साझा किया। रिपोर्ट न केवल अपने अधिकारों की प्राप्ति पर बच्चों की धारणा को सामने लाएगी, बल्कि देश में बाल अधिकारों की वार्षिक स्थिति का आंकलन भी प्रदान करेगी। उन बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा, जो या तो पीछे छूट गये हैं, या फिर विशिष्ट कमजोरियों का सामना कर रहे हैं। सेव द चिल्ड्रेन (बाल रक्षा भारत) ने उन मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए बच्चों की आवाज को उजागर करना, जो उन्हें सबसे ज्यादा चिन्तित करते हैं और उन्हें सम्बोधित करने हेतु सुझाव संकलित करने के उद्देश्य से टी.आर.ए.सी. 2022 की रिपोर्ट के निष्कर्षो को प्रकाशित/प्रसारित किया है। टी.आर.ए.सी. 2022 रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य सरकार, नगर समाज संगठनों, शिक्षाविदों और मीडिया सहित व्यापक हितधारकों के साथ बच्चों की आवाज को उजागर और साझा करना है, रिपोर्ट प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम में सहभागी उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (यू.पी.एस.सी.पी.सी.आर.) की सदस्य अनीता अग्रवाल ने बच्चों की चर्चा को सुना और कहा कि आज बच्चों ने जो अपनी मांगे प्रस्तुत की है वें मांगे बिल्कुल जायज है और उनको अपना अधिकार, गुणवत्ता, शिक्षा, स्वस्थ, पोषण एवं भागीदारी का अधिकार मिलना ही चाहिए। महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक पुनीत मिश्र ने कहा कि सेव द चिल्ड्रेन ने हमेशा बच्चो के अहम मुद्दों पर अगुवाई की है और आज जो ट्रैक रिपोर्ट 2022 जो की बच्चो की मानसिक स्वस्थ पर प्रकाश डाल रहा है जो एसडीजी के लक्ष्य को सकार करेगी। प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम में शामिल लगभग 250 सहभागियों की सभा को सम्बोधित करते हुए ए०एस०ई०टी०, डब्ल्यू०जी० सी०डी०आर० (ASET Wg Cdr) के उप कुलाधिपति एवं निदेशक डा० अनिल तिवारी ने कहा कि सामाजिक बदलाव में युवाओं की भूमिका के महत्व के लिए आज के प्लेटफार्म से अच्छा कोई प्लेटफार्म हो ही नहीं सकता बच्चों और युवाओं के मुद्दों को उठाने के लिए सेव द चिल्ड्रेन और एमिटी विवि संस्थाओ की भागीदारी इस बात को और मज़बूत करेगी। कार्यक्रम में उपस्थिति सेव द चिल्ड्रेन उ०प्र० के वरिष्ठ प्रबन्धक-अनामुल हक ने उत्तर प्रदेश में बाल अधिकार संरक्षण हेतु सेव द चिल्ड्रेन द्वारा किये जा रहे कार्यों का विवरण साझा करते हुए कहा कि आज जो मुद्दे बच्चों ने एमिटी विवि के साथ मिलकर उठाए हैं वो न सिर्फ उत्तर प्रदेश के बच्चों के मुद्दे को उठाया है बल्कि पूरे देश के बच्चों के अधिकारों के मुद्दों को उठाया है बाल रक्षा भारत बच्चों के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार कर रहा है जो कि एक बड़े स्तर पर बच्चों के मुद्दों को उजागर करेगा। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक कल्याण के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए डीन छात्र कल्याण विभाग मंजू अग्रवाल ने बच्चों और युवाओं को अपनी भावनाओं और अनुभूतियों को व्यक्त करने हेतु एक मंच प्रदान करने के महत्व को रेखांकित किया। कोविड-19 के बीच भारतीय सन्दर्भ में बच्चों की भलाई के मुद्दों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें सकारात्मक सोच का महत्त्व समझना चाहिए और मदद करने वालों को धन्यवाद अर्पित करना चाहिए, कार्यक्रम के माध्यम से हम एमिटी विवि में युवा/बाल सांसद स्थापित करना चाहेंगे कि सेव द चिल्ड्रेन इसको स्थापित करने में हमारी मदद करे। रिपोर्ट के निष्कर्षो के प्रस्तुतीकरण के पश्चात, कार्यक्रम में उपस्थित प्राथमिक शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, यू०पी०एस०सी०पी०सी०आर० और आई०सी०डी०एस० के अधिकारियों को बच्चों के समूह कांषीराम पारा बाल मंच के 11 बच्चों ने अपना माँग पत्र सौंपा।