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अनशन के बाद दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट, खरगे सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की संभावना

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नई दिल्ली। अपने अनशन के रुख को भले वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भष्ट्राचार की ओर मोड़कर सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को लेकर नरमी के संकेत दिए है, लेकिन पार्टी हाईकमान अभी भी बहुत संतुष्ट नहीं है।

इसी बीच पायलट बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं। बताया गया है कि पार्टी ने ही उन्हें तलब किया है। माना जा रहा है कि बुधवार देर रात या फिर गुरुवार को उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के भी मुलाकात हो सकती है। इनमें प्रियंका गांधी से भी उनकी मुलाकात संभव है। दूसरी तरफ पायलट के करीबी उनके दिल्ली दौरे को निजी और पहले से निर्धारित दौरा बताया है।

रंधावा ने खरगे को दी रिपोर्ट

इस बीच बुधवार को राजस्थान के इस सियासी संकट को लेकर प्रदेश पार्टी प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने उनके निवास पर पहुंचकर मुलाकात की है। साथ ही उन्हें राजस्थान संकट से जुड़े इस पूरे मामले पर रिपोर्ट भी दी है।

पायलट ने कांग्रेस के निर्देशों को तोड़ा

खरगे और रंधावा के बीच यह मुलाकात करीब आधे घंटे चली। हालांकि, इसके बाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी रंधावा ने मीडिया से चर्चा में इसके साफ संकेत दिए कि पायलट ने अनशन न करने के पार्टी ने निर्देशों को तोड़ा है, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पार्टी ने इस पूरे मामले में उनसे पार्टी के भीतर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। जिसे न मानते हुए वह अनशन पर बैठे।

 पायलट के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं है कांग्रेस

यही वजह है कि कांग्रेस उनके खिलाफ अभी कोई सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई के मूड में नहीं है। यह जरूर है कि पार्टी उन्हें इस मुद्दे पर कुछ हिदायत जरूर देकर पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने का संकेत दे सकती है। राजस्थान में वैसे भी पायलट और गहलोत के बीच सियासी रस्साकसी कोई नहीं है। यह लंबे समय से चल रही है।

राजस्थान को नहीं बनने देंगे पंजाब”

उन्होंने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि वह राजस्थान को पंजाब नहीं बनने देंगे। बता दें कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने मुख्यमंत्री बदलकर राज्य में एक बड़ा संकट मोल लिया था। जिसके चलते पार्टी को चुनाव में बड़ा खामियाजा भी उठाना पड़ा था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट ने जिस तरह से चुनाव से ठीक पहले अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है और पार्टी की चेतावनी को भी दरकिनार कर अनशन किया है, उसके बाद पार्टी उनके अगले कदम पर भी पैनी नजर रख रही है। हालांकि, पार्टी उन्हें साथ लेकर चलने को लेकर भी गंभीर है।

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