नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कोरोना की तीसरी लहर आने का ऐलान किया। कोरोना संक्रमण और मौतों के आंकड़े से यह समझा जा सकता है कि यह लहर कैसे आ रही है और कौन से देशों में इसका असर दिखने लगा है। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में देखे जा रहे हैं। यहां पिछले 25 दिन में नए संक्रमण के मामलों में 350% इजाफा हुआ है, लेकिन वैक्सीनेशन में गिरावट हो रही है।
इंडोनेशिया इस समय कोरोना मामलों में एशिया का एपीसेंटर बना हुआ है, तो स्पेन में पूरी महामारी के दौरान पहली बार एक दिन में 44 हजार केस दर्ज हुए हैं। तीसरी लहर के खतरे के बीच दुनिया के 5वें सबसे संक्रमित देश रूस में आधी से ज्यादा आबादी वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं है। ब्रिटेन खुद को तीसरी लहर से बचाने के लिए फ्रांस को रेड लिस्ट में डालने जा रहा है।
अमेरिका: 48% आबादी के वैक्सीनेशन के बाद भी बढ़ रहे केस
अमेरिका 50 राज्यों में से 19 में पुराने मामलों की तुलना में कोरोना के दोगुने नए केस सामने आ रहे हैं। यहां पिछले 25 दिनों में संक्रमण के नए मामलों में 350% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सतर्कता बरतते हुए दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस एंजेलिस में घर के अंदर भी मास्क पहनने को जरूरी कर दिया गया है। यहां 16 जून को ही मास्क लगाने की बाध्यता खत्म की गई थी। वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को भी यहां मास्क लगाना होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक 33 करोड़ 60 लाख की आबादी वाले अमेरिका में 160 मिलियन (16 करोड़) लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। यानी वहां करीब 48% आबादी का वैक्सीनेशन हो गया है।
कनाडा की बॉर्डर से सटे राज्य मिनेसोटा की स्टेट यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंफेक्शन डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर माइकल ओस्टरहोम का मानना है कि अमेरिका अब कोरोना की नई लहर की तरफ बढ़ रहा है। अमेरिका में अभी 100 मिलियन (10 करोड़) लोग संवेदनशील हैं। इतनी बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।