तेजी से संक्रमित हो रहे युवा, नहीं दिख रहे लक्षण

0
527

कोरोना

– डब्ल्यूएचओ ने किया आगाह
– 60 लाख केसों के अध्ययन के बाद आई रिपोर्ट

नवनीत दीक्षित
सीतापुर, 25 सितंबर। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही जारी किए गए अलर्ट के बाद 20 से 40 साल के युवाओं को सचेत होने की जरूरत है । अलर्ट के अनुसार युवा वर्ग तेजी से कोरोना की गिरफ्त में आ रहा है, साथ ही वह बुजुर्गों और बीमारों के लिए भी खतरा बना हुआ है। दरअसल तमाम उपचाराधीन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे केस युवाओं में अधिक मिल रहे हैं। लक्षण न होने के चलते उन्हें इस बात का पता भी नहीं चल रहा है। ऐसे में यह युवा बेफिक्र होकर घूमते हैँ और दूसरों के लिए भी खतरा बनते हैं। मई माह में सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में देश के 40 से 50 प्रतिशत युवा कोरोना पाजिटिव थे। इसकी एक वजह यह भी है कि देश में बुजुर्गों के मुकाबले युवा आबादी अधिक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 24 फरवरी से 12 जुलाई के मध्य 60 लाख कोरोना केसों का अध्ययन किया। इसके अनुसार इन पांच माह में 15-24 साल की आयु वर्ग में कोरोना का संक्रमण तीन गुना तक बढ़ा है। एक दिन से लेकर चार साल तक के बच्चों में कोरोना के मामले 0.3 प्रतिशत से बढ़कर 2.2 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। 5-14 साल तक के बच्चों में संक्रमण की दर 0.8 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसी तरह 15-24 साल तक के बच्चों में संक्रमण की दर 4.5 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राज किशोर टंडन कहते हैं कि नौकरी, व्यापार और दूसरे कामों के लिए युवा घर से बाहर निकल रहे हैं। वह ग्रुप में घूम रहे हैं और पार्टी कर रहे हैं। ऐसे में उनके कोरोना के चपेट में आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में यदि कोई युवा पाजिटिव होता है, तो वह दूसरों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में युवाओं को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
इनसेट —-
युवा इन बातों का रखें ध्यान —
एसीएमओ और कोरोना के नोडल अफसर डॉ. पीके सिंह कहते हैं कि युवाओं को हमेशा याद रखना चाहिए कि वह भी कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें। यदि उनमें लक्षण दिखते हैं तो उन्हें उसका तुरंत टेस्ट कराना चाहिए, इसे छिपाएं नहीं। इसके अलावा वे कोविड हेल्प लाइन पर फोन करके सलाह ले सकते हैं। यदि बीमार महसूस करें तो खुद को आइसोलेट करते हुए, जरूरी कदम उठाना चाहिए। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए पौष्टिक आहार और अच्छी नींद लेनी चाहिए।
इनसेट —
किसी से क्लोज कॉन्टैक्ट न बनाएं —
यदि दो कोरोना पाजिटिव युवा बिना मास्क पहने 15 मिनट तक बात करते हैं और उनके बीच की दूरी तीन फीट से कम है तो यह क्लोज कॉन्टैक्ट टाइम कहलाता है। इसमें कोरोना की पर्याप्त डोज लोड हो जाती है, ऐसे में खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यदि आप युवा हैं तो किसी दोस्त या व्यक्ति के साथ क्लोज कॉन्टैक्ट बिल्कुल न बनाएं। बातचीत के दौरान मास्क लगाएं, किसी से मिलें तो कम समय में अपनी बात कहकर दूर हो जाएं। ऐसा करने से संक्रमण की डोज कम जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here