ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ दिया रुई का टुकड़ा, महिला की मौत

0
381

– जांच रिपोर्ट में सामने आई डॉक्टर की लापरवाही

– अस्पताल पर कार्रवाई करने से कतरा रही पुलिस

– न्याय की आस में दर-दर भटक रहा मृतका का बेटा

लखनऊ: राजधानी स्थित प्राइवेट अस्पताल से एक गंभीर मामला सामने आया है जहां 60 वर्षीय महिला को डॉक्टर की लापरवाही के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। डॉक्टर ने गॉल ब्लैडर के ऑपरेशन के दौरान पेट में रुई का एक बड़ा सा टुकड़ा छोड़ दिया। हद तो तब हो गई जब डॉक्टर ने अपनी गलती न मानकर उसका सही समय पर ठीक तरह से इलाज नहीं किया। आखिरकार एक बेटे के सर से उसकी मां का साया छिन गया। न्याय की आस में मृतका का बेटा दर-दर भटक रहा है लेकिन हर जगह से उसे सिर्फ नाउम्मीदी ही हासिल हो रही है।

मामला लखनऊ के गुडंबा थाना स्थित सेंट मेरी पॉली क्लिनिक का है। जहां, मदारी खेड़ा निवासी विशाल गुप्ता बीते 24 मई को को अपनी मां विमला देवी के गॉलब्लैडर में पथरी का इलाज कराने गए थे। विमला देवी को भर्ती कर 26 मई को गॉलब्लैडर निकालने के लिए डॉक्टर विनोद जोसेफ और उनकी टीम द्वारा ऑपरेशन कर दिया गया। विशाल के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान उन्हें बताया गया कि उसकी मां के पेट के अंदर एक नस कट गई है लेकिन कोई घबराने की जरूरत नहीं है, टांके लगा दिए हैं। 1 जून को विमला देवी को डिस्चार्ज कर दिया गया। विशाल ने बताया कि उनकी माँ को लिक्विड डाइट के अलावा कुछ भी खिलाने पर तुरंत उल्टियां होने लगती थी, यह बात जब डॉक्टर विनोद जोशी को बताया गया तो वो बोले लिक्विड डाइट्स ही दीजिए। मरीज को लगातार समस्या बनी रहने के कारण 14 अगस्त को लखनऊ गैस्ट्रोलॉजी क्लीनिक में डॉक्टर अंकुर सिंह को दिखाया गया तो उन्होंने विमला देवी का एमआरसीपी टेस्ट कराया। जांच में पता चला कि पेट के अंदर 8.4 × 5.6 सेंटीमीटर का रुई का टुकड़ा छूट गया है। डॉ अंकुर सिंह ने मरीज को मेडिकल कॉलेज या लोहिया अस्पताल में रेफर करते हुए कहा कि मरीज की हालत बहुत नाजुक है।

आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते दूसरी जगह इलाज करा पाने में अक्षम विशाल गुप्ता ने दोबारा डॉ विनोद जोसेफ से बात की। डॉ जोसेफ ने 16 अगस्त को विमला देवी को भर्ती करके 17 अगस्त को दोबारा ऑपरेशन कर दिया। विशाल ने बताया कि 18 अगस्त को उनकी माँ को हालत ज्यादा नाजुक हो गई तो डॉक्टर ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया। चौबीस घण्टे बीत जाने के बाद भी डॉक्टर और उनकी टीम द्वारा जब उनकी मां के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया, तो विशाल ने खुद जाकर देखा तो उनकी माँ के हाथ पैर ठंडे हो चुके थे। विशाल ने आरोप लगाया कि उनकी माँ की मौत पहले ही हो गई थी लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा अपनी लापरवाही छिपाने के लिए ये षड्यंत्र रचा गया। मृतक प्रमाणपत्र में विमला देवी की मौत के लिए ह्रदय गति रुकने और सर्जिकल इंफेक्शन को कारण बताया गया है।

मृतका विमला गुप्ता के बेटे विशाल गुप्ता न्याय पाने की आस में लगातार भटक रहे हैं। उन्होंने गुडंबा थाने में शिकायत की, आईजीआरएस के माध्यम से मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई लेकिन अब तक जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। कैनविज टाइम्स संवाददाता के द्वारा इस संबन्ध में डॉक्टर विनोद जोसेफ से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here