नई दिल्ली: एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और यूआईडीएआई को नोटिस भेजा है। दरअसल, इस नोटिस में कोर्ट ने दोनों से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट जिस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, उसमें कोविन पोर्टल पर होने वाले वैक्सीन रजिस्ट्रेशन में आधार की अनिवार्यता खत्म करने की मांग की गई है। इस याचिका पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने नोटिस में पूछा है कि कोविन पोर्टल पर आधार कार्ड की डिटेल जमा कराना इतना जरूरी क्यों है?
आधार की अनिवार्यता क्यों जरूरी?
कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी दलील में कहा कि वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ आधार कार्ड ही मांगना कहां तक ठीक है, जबकि आईडी प्रूफ के तौर पर अन्य दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोविन एप पर आप अन्य दस्तावेजों के जरिए भी रजिस्ट्रेशन का सकते हैं, लेकिन वैक्सीनेशन सेंटर पर आधार कार्ड ही क्यों मांगा जाता है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- आपने पोर्टल पर देखा है?
सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या आपने हाल ही में कोविन ऐप पर खुद देखा है? आप अखबार के आर्टिकल पर मत जाइए। इसे अपडेट किया गया है। कोर्ट ने आगे कहा कि अब कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए कई अन्य आईडी प्रूफ भी दिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता सिद्धार्थ शंकर शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहा है और उनके वकील मयंक क्षीरसागर कोर्ट में दलील रख रहे थे।
बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने आधार कार्ड एकमात्र आईडी नहीं है जिसे संबंधित अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया जाता है। पीठ ने वकील से कहा, “आप ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि के साथ भी पंजीकरण कर सकते हैं। आप खुद जाकर सत्यापन करें।” जवाब में वकील ने कहा कि भले ही पोर्टल पर सात आईडी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हों, लेकिन सेंटर पर आधार कार्ड ही मांगा जाता है।