गलवान घाटी में चीन बड़ी तादाद में अपने बॉर्डर डिफेंस रेजिमेंट के सैनिकों को आगे ले आया है. इनके साथ सैनिकों के रहने की जगह बनाने के लिए भारी उपकरण भी आगे लाए गए हैं.
लद्दाख में भारत और चीन के सेनाओं के बीच चरम पर तनाव
डोकलाम के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच इतना तनाव
लद्दाख के गलवान इलाके में चीनी सैनिकों की मौजूदगी बढ़ी
भारत ने भी चीनी चाल पर नजर रखने के लिए बढ़ाई निगरानी
चीन और भारत के बीच लद्दाख के गलवान नदी इलाके (Galwan river area) में तनाव चरम पर पहुंच चुका है। कई राउंड की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकलते देख भारत ने भी उस इलाके में सेना की तैनाती बढ़ा दी है। पिछले कुछ सप्ताह में चीन ने इस इलाके में अपनी स्थिति मजबूत की और करीब 5 हजार चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण सीमा (LAC) के करीब तैनात हैं और उसमें कई तो भारतीय सीमा के अंदर तक घुस आए हैं। इस बीच, भारत ने सीमा पर चीनी चाल को काउंटर करने के लिए सेना की तैनाती बढ़ाने के साथ ही निगरानी भी तेज कर दी है।
कई दौर की कूटनीतिक चर्चाओं के बाद भी भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में चल रहा तनाव खत्म नहीं हो पाया है. दोनों ही तरफ से सैनिकों की तादाद में कोई कमी नहीं हुई है लेकिन राहत की बात ये है कि अभी तक दोनों की सीमा यानि 4056 किमी लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर कोई और घटना नहीं हुई है. 22 मई को भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने भी लेह जाकर हालात का जायजा लिया. साफ है कि हालात 2017 में सिक्किम की सीमा पर 73 दिन तक चले डोकलाम तनाव से कम गंभीर नहीं हैं. खबरों के मुताबिक गलवान नदी और पेंगांग झील के किनारे दोनों ओर के हजारों सैनिक एक-दूसरे के सामने जमे हुए हैं.
भौगोलिक दृष्टि से ये इलाका बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है इस लिए भारत भी अपनी जगह से एक इंच पीछे हटने को तैयार नही है
नवनीत दीक्षित कैनविज टाइम्स