श्री गणेश भगवान बुध का कारक देव माना जाता है इसलिए बुधवार को भगवान गणेश का वार माना जाता है। बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से न केवल विघ्नहर्ता का आशीर्वाद मिलता है बल्कि कुंडली में बुध की स्थिति भी मजबूत होती है। गणेशोत्सव का यह पहला बुधवार है, इसलिए इस दिन का काफी महत्व माना जा रहा है। 10 सितंबर से शुरू हुआ गणेशोत्सव 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ खत्म होगा। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर बुधवार का गणेशजी के साथ क्या संबंध है और इस दिन कुछ उपाय करने से जीवन में सुख-शांति के अलावा संकटों से भी मुक्ति मिल सकती है।
जानिए बुधवार का गणेशजी से संबंध
सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। ऐसे में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं। आइए जानते हैं बुधवार का गणेशजी से क्या संबंध है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता पार्वती कैलाश पर्वत पर अपने हाथों से भगवान गणेश का निर्माण किया था तो उस दिन बुधवार का दिन था। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा अर्चना के लिए बुधवार का दिन माना गया।
इस उपाय से मनोवांछित फल की होगी प्राप्ति
गणेशोत्सव का यह पहला बुधवार है इसलिए भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए मूंग के लड्डुओं का भोग लगाएं, ऐसा आप लगातार सात बुधवार तक करें। ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और बुध ग्रह का दोष भी खत्म होता है। इसके साथ ही आप पूजन में 11 या 21 हरी दूर्वा की गांठ भगवान गणेश को अर्पित करें, ऐसा करने से उनकी सदैव आप पर कृपा रहेगी और सभी विघ्न दूर होते हैं।
करियर में बनते हैं तरक्की के योग
नारद पुराण के अनुसार, बुधवार के दिन गणेश चालीसा या गणेश स्तोत्र का 11 बार पाठ करने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। वहीं करियर में ग्रोथ के लिए गाय को हरी घास खिलाएं और गाया माता को धन्यवाद कहें, ऐसा करने से बुध दोष का प्रभाव कम होता है और करियर में तरक्की के योग बनते हैं।
आर्थिक समस्याओं से मिलती है मुक्ति
गणेशोत्सव का यह पहला बुधवार है इसलिए इस दिन गणेशजी को मंदिर में जाकर या घर पर गणपति विराजे हैं तो उनको सिंदूर अर्पित करें और हरे रंग के एक कपड़े में पांच मुट्ठी साबुत हरी मूंग बांधकर पोटली बना लें। इस पोटली को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद गणेशजी का मंत्र जपते हुए जल में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से नौकरी व व्यवसाय समेत आर्थिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।