जानिए शनि देव की पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

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शनि देव साक्षात रुद्र हैं। उनका शरीर क्रांति इन्द्रनील मणि के समान है। शनि देव का नाम सुनते ही कई सवाल मन में उठने लगते हैं ऐसा लगता है कि यह दुख-दर्द के ही कारक हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अगर आपकी कुंडली में शनि ग्रह अशांत है तो शनि दोष से बचने और शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा और व्रत रखने की सलाह दी जाती है, लेकिन शनि देव का पूजन करने के भी कुछ विशेष नियम हैं, यदि इनमें भूल होती है, तो लाभ की जगह ज्यादा नुकसान होता है।

शनि देव को धर्म व न्याय का प्रतीक और सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है। मान्यता है कि धर्मराज होने की वजह से प्राय: शनि पापी व्यक्तियों के लिए दुख और कष्टकारक होते हैं, लेकिन ईमानदारों के लिए यह यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है। शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं।

जानें पूजा करते समय किन बातों का रखना चाहिये ध्यान

तेल चढ़ाते समय ध्यान दें

शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें। तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे। वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं। इसके अलावा शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान करना भी अच्छा रहता है।

खड़े होकर पूज न करें

पहले शनिदेव के मंदिर बहुत कम संख्या में होते थे, लेकिन आज जगह-जगह आपको शनिदेव के मंदिर मिल जाएंगे, जिनमें शनिदेव की मूर्तियां भी हैं। जब शनिदेव मंदिर में जाएं, तो कभी भी मूर्ति के सामने खड़े न हों। हो सके तो शनि देव के उस मंदिर में जाएं, जहां शनि शिला के रूप में हों। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल और शमी के पेड़ की पूजा करें।

शनि देव की आंखों में न देखें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए। शनि देव की पूजा करते समय हमेशा अपनी नजरें नीचे रखें। शनि देव से नजरें मिलाने से आप पर शनि देव की बुरी नजर पड़ सकती है।

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