लखनऊ। महापौर संयुक्ता भाटिया ने गुरूवार को आलमबाग स्थित पुरानी जेल रोड का नामकरण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर करते हुए लोकार्पण किया। जिसमें इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने बताया कि 09 अगस्त 1925 को काकोरी क्रांति के बाद क्रांति के नायक पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल एवं अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार कर लखनऊ जेल में ही रखा गया था। हजरतगंज स्थित जीपीओ, जो रिंग थियेटर के नाम से कोर्ट था, इस कोर्ट में पेशी के लिए पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल और उनके सहयोगियों को हथकड़ी बड़ी लगाकर पुरानी जेल रोड से ही ले जाया जाता था। इसलिए महान क्रांतिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल को नमन करते हुए जेल के सामने वाले मार्ग जेल रोड जो कि बंगला बाजार से कैंट रोड जाने वाले मार्ग का नामकरण पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल मार्ग किया गया है। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी अपने गौरवपूर्ण इतिहास को जानें और अपनी आजादी के मूल्य को समझकर उससे प्रेरणा प्राप्त कर सकें। ज्ञात हो कि लखनऊ की जेल में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल काकोरी क्रांति के संबंध में लगभग दो वर्ष रहे।
पं राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर जेल रोड का नाम रखने की मांग अखिल भारतीय ब्रह्म समाज ने लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया से की थी। जिस पर महापौर ने प्रस्ताव रखवा कर लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी में प्रस्ताव पारित किया और गुरूवार को लखनऊ की महापौर ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ पं राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर सड़क का नामकरण का लोकार्पण किया। इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ अखिल भारतीय ब्रह्म समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीपी अवस्थी, राष्ट्रीय महामंत्री देवेन्द्र शुक्ला, कोमल द्विवेदी, अमिता त्रिपाठी, डा प्रतिभा मिश्रा, शैलेंद्र शुक्ला, करुणा शंकर शुक्ला, अजय तिवारी, एमपी दिक्सित, मानवेन्द्र पाण्डेय व चंद्र प्रकाश मिश्रा रहे।