नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अहम बैठक बुलाई है। यह बैठक दोपहर 3.30 बजे होगी है। इस बैठक में कोरोना से निपटने की स्थिति और उपायों पर चर्चा की जाएगी। जानकारी के अनुसार इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय, कैबिनेट सचिव और नीति आयोग भी शामिल होगा। कई विशेषज्ञ अक्टूबर से लेकर नवंबर तक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता चुके हैं। हालांकि यह डेल्टा वेरिएंट की संक्रामकता पर निर्भर है।
अक्टूबर में आ सकती है तीसरी लहर
गृह मंत्रालय की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी ने तीसरी लहर की आशंका जाहिर की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी है। इसके मुताबिक अक्तूबर में कोरोना की तीसरी लहर पीक पर होगी। साथ ही कमेटी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को बच्चों और युवाओं के लिए मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम करने की सलाह भी दी है। विशेषज्ञों की कमेटी का मानना है कि तीसरी लहर बच्चों व युवाओं के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बच्चों के लिए मेडिकल सुविधाएं, वेंटीलेटर, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस, ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। क्योंकि, बड़ी संख्या में बच्चे व युवा कोरोना से संक्रमित होंगे।
गृह मंत्रालय ने यह रिपोर्ट उस समय जारी की है, जब बच्चों के लिए टीकाकरण भी शुरू होने वाला है। इस रिपेार्ट में कहा गया है कि बच्चों के बीच प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करना होगा। इसके साथ ही कमेटी ने कोविड वार्ड को फिर से इस आधार पर तैयार करने की सलाह दी है, जिससे बच्चों के तीमारदारों को भी साथ रहने की अनुमति मिल सके।
आईआईटी कानपुर ने भी किया दावा
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिक ने भी जताई है। कोरोना महामारी के गणितीय मॉडलिंग में शामिल वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि अगर डेल्टा से अधिक संक्रामक वायरस उभरता है और सितंबर के आखिरी तक पूरी तरह से एक्टिव हो जाता है, तो तीसरी लहर नवंबर में अपने पीक पर होगी। हालांकि अपनी रिपोर्ट में उन्होंने यह भी कहा है कि यह तीसरी लहर के बराबर खतरनाक नहीं होगा। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि हो सकता है कि डेल्टा वेरिएंट उतना संक्रामक ना भी दो जितना दावा किया जा रहा है। अगर ऐसा है तो फिर तीसरी लहर की आशंका भी खत्म हो जाती है।