पीएम मोदी ने लॉन्च किया जल जीवन मिशन ऐप, पानी समितियों से की बात

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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन के मोबाइल ऐप और राष्ट्रीय जल जीवन कोष को लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने पानी समितियों से भी वर्चुअली बात की। पीएम मोदी ने कहा, जल संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए हमें युद्ध स्तर पर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि पानी को हमें प्रसाद की तरह इस्तेमाल करना चाहिए। हमें पानी को लेकर आदतें बदलनी होंगी। पानी बर्बाद करने से लोग बचें। साथ ही किसान भी कम पानी वाली फसलों पर ज्यादा जोर दें।

इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उसपर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि देश में लंबे वक्त तक सत्ता में रहने वालों को कभी पानी की किल्लत महसूस नहीं हुई, क्योंकि उनके घरों में उनके स्विमिंग पूल में पानी था।

पीएम मोदी ने कहा, “पूज्य बापू और लालबहादुर शास्त्री दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। मुझे खुशी है कि आज के दिन देशभर के लाखो गांवों के लोग ग्राम सभाओं के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं। ऐसे अभूतपूर्व और राष्ट्रव्यापी मिशन को इसी उत्साह, उर्जा से सफल बनाया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, “जल जीवन मिशन का विजन सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है। ये विकेंद्रीकरण का भी एक बहुत बड़ा मूवमेंट है। इसका मुख्य आधार जन आंदोलन और जनभागीदारी है। जल जीवन मिशन को अधिक सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए आज कई और कदम भी उठाए गए हैं।’’

पीएम मोदी ने कहा, ”इस अभियान से जुड़ी सभी जानकारियां एक ही जगह जल जीवन मिशन ऐप पर मिल जाएंगी। गांव के लोग भी अपने यहां के पानी की शुद्धता पर बारीक नजर रख पाएंगे। एक सुखद एहसास हम सभी को है कि बापू के सपनों को साकार करने के लिए देशवासियों ने निरंतर परिश्रम किया है, अपना सहयोग दिया है। आज देश के शहर और गांव खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं। करीब 2 लाख गांवों ने अपने यहां कचरा प्रबंधन का काम शुरू कर दिया है। 40 हजार से ज़्यादा ग्राम पंचायतों ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने का फैसला लिया है। खादी की बिक्री भी कई गुना ज़्यादा हो रही है।”

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त, 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन का उद्देश्य हर घर में पानी की सप्लाई पहुंचाना है। वर्तमान में सिर्फ ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 17 प्रतिशत लोगों के पास ही पानी की सप्लाई है।

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